किशनगंज /सिटी हलचल न्यूज संवाददाता
पौआखाली:मेडिकल वेस्टेज को उचित तरीके से निपटाने की जिम्मेदारी मेडिकल संस्थानों की है, लेकिन इसे खुले में फेंक दिया जाता है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है. पौआखाली नगर के निजी मेडिकल संस्थानों का भी यही हाल है, यहां अकसर मेडिकल वेस्टेज को सड़क किनारे या इधर उधर फेंक तो दिया जाता है किंतु उचित तरीके से उसे एक निश्चित अवधि में निपटाया नही जाता है जिस कारण स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है. नगर के पैक्स अध्यक्ष और शीशागाछी टोला निवासी तौहीद आलम ने इस तरह के मामले को गंभीर बताते हुए
स्थानीय मेडिकल संस्थान की इसे घोर लापरवाही करार दिया है तथा मेडिकल संस्थानों से यह अनुरोध किया है कि मेडिकल वेस्टेजों को आवासीय इलाकों तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों में ना फेंककर उसका उचित तरीके से निपटारा किया जाए. गौरतलब हो कि मेडिकल वेस्टेज में खतरनाक रसायन और जीवाणु होते हैं, जो जल और मिट्टी को प्रदूषित तो करते ही हैं लोगों में बीमारियाँ भी फैला सकती हैं. वहीं मेडिकल वेस्टेज आदि को मेडिकल संस्थान सफाई कर्मियों की मदद से भी इसका निपटान कर सकते हैं. तौहीद आलम ने कहा कि फेंके जाने वाले मेडिकल वेस्टेज में गंदे कपड़े, प्लास्टिक, कांच और नुकीले वस्तुएं शामिल रहती है जिसका या तो भष्मीकरण कर दिया जाना चाहिए या फिर उसे जमीन के अंदर दफना देना चाहिए.


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