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जिविका के सहयोग से आर्थिक उन्नति संवार कर एक सुंदर भविष्य का निर्माण कर रही है नूतन

नर्सरी में फुलों को संवारती नूतन।

रचनाकार का नाम : शंभु कुमार 

ग्राम/मुहल्ला :- कोढा/फुलवरिया 

पोस्ट :- मड़वा 

थाना :- कोढ़ा 

जिला :- कटिहार 

राज्य :- बिहार 

पिन नंबर :- 854104

वार्तासूत्र :-9709527612

आज के इस तरह की याफ्ता युग में आधी आबादी का पुरजोर सहयोग दिख रहा है और आज की आधी आबादी विकास के हर क्षेत्र में अपने बलबूते अपने लगन व मेहनत के बल पर विकास व उन्नति के नए आयाम गढ़ रहे हैं। ऐसा ही एक नजर कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के मखदुमपुर ग्राम निवासी सह जीविका सीएम नूतन चौरसिया द्वारा एक नर्सरी का निर्माण कर विभिन्न प्रकार के पौधों का ट्रांसप्लांकर अपने आर्थिक खुशहाली की नर्सरी के फूलों की तरह खुशबू बिखरते हुए एक सुंदर भविष्य का निर्माण कर रही है। कहा जा सकता है कि विभिन्न प्रकार के पौधों से सजा नर्सरी की खेती निश्चय ही आर्थिक संपन्नता की और बेहतर कदम है। जीविका सीएम नूतन चौरसिया ने बताया कि जीविका से रोजगार के नाम पर पचास हजार रुपये ऋण लेकर नर्सरी का कार्य प्रारंभ किया। धीरे-धीरे उसके मेहनत रंग लाई और परिणाम स्वरूप आज उनका दो नर्सरी चल रहा है। उनके नर्सरी में आम, लीची, जामुन, कटहल,चंदन, कदम, महोगनी, गुलाब, गेंदा, अरहुल, चंपा, चमेली समेत दर्जनों सौ प्लांट आदि पौधों का पालन हो रहा है। और सबसे सुखद पहलू यह है कि विभिन्न प्रकार के पौधों को बेचने में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं है। बेहतर गुणवत्ता वाले पौधे और उचित मूल्य के कारण ग्राहक नर्सरी पर आकर अपने मनपसंद पौधे ले जाकर अपने बाग बगीचे व फूलों की कियारियों में लगाते हैं। जिसका परिणाम भी ग्राहकों को बेहतर मिलता है। यही कारण है कि विभिन्न प्रकार के पौधों समेत खासकर सौं।दर्य व सुगंध बिखरने वाली फूलों के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है और आशा अनुकूल बिक्री हो जाती है


क्या कहती हैं जीविका के सीएम 

जीविका सीएम नूतन चौरसिया ने बताया कि बचपन से ही उन्हें विभिन्न प्रकार के कोमल कोमल पंखुड़ियां से लदे पौधे व फूलों से काफी लगाव था और बचपन से ही अपने दरवाजे व आंगन में फूलों का पौधा लगाते थे। जब हम जीविका से जुड़े और उनके बाद उन्हें लगा कि क्यों ना नर्सरी लगाकर आय का साधन बनाया जा सकता है। और इसी सोच के तहत जीविका से ऋण लेकर तीन साल पहले नर्सरी की शुरुआत की हालत के पहले प्रारंभिक दौर में काफी परेशानी हुई। बावजूद इसके हमने हिम्मत नहीं हारी घर की स्थिति ऐसी भी हो गई कि कभी-कभी बच्चों के बीमार होने पर औषधि के लिए भी मोहताज होना पड़ता था परंतु मैं साहस का कार्य लिया जिसका नतीजा धीरे-धीरे अच्छा आने लगा और आज के तारीख में मैं और मेरी नर्सरी आत्मनिर्भरता के मुकाम पर खड़े हैं। 

जीविका के इस नर्सरी से मनरेगा में भी जाता है पौधा 

वहीं जीविका दीदी के इस नर्सरी से सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा द्वारा भी खरीद की जाती है। नर्सरी में नूतन खुद से ही मेहनत व उसके रखरखाव व देखभाल स्वयं ही करती है। जिस कारण उन्हें इस वर्ष तकरीबन तीन लाख से साढ़े तीन लाख रुपए का लाभ हुआ


जीविका से जुड़कर नर्सरी लगाने को लेकर अन्य महिलाओं को भी किया प्रेरित 

जीविका सीएम नूतन चौरसिया अंत में एक प्रकार का संदेश देते हुए कहा कि जो महिलाएं बेरोजगार और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उनके लिए नर्सरी का कार्य भी बेहतर आय का साधन बन सकता है। वहीं इस संदर्भ में जीविका के बीपीएम उपमानंद भारती ने सीटी हलचल संवाददाता को बताया कि जीविका समूह के प्रयास से प्रखंड क्षेत्र में जीविका दीदी के द्वारा कई उत्पाद के साथ-साथ नर्सरी का भी कार्य किया जा रहा है। जो इस क्षेत्र के लिए बेहद ही गौरव व खुशी की बात है। जीविका समूह द्वारा जीविका दीदियों के लिए रोजगार हेतु ऋण देकर एक बेहतर अवसर प्रदान कर रहा है और जीविका दीदी बेहतर कर भी रही है।

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