बैसा /सिटी हलचल न्यूज
पूर्णियां : प्रखंड मुख्यालय परिसर में मंगलवार को वरीय उपसमाहर्ता सह बीडीओ रवि शंकर झा के नेतृत्व में पहली बार एक प्रखंड स्तरीय समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आंगनबाड़ी विभाग के साथ ही अन्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। वरीय उपसमाहर्ता सह बीडीओ रवि शंकर झा ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की समस्याओं का एक ही जगह बैठकर हल निकालना है। अब से प्रत्येक महीना इस तरह का बैठक का आयोजन किया गया है। जिससे क्षेत्र की विकास में गति मिलेगी। लापरवाह अधिकारी नपेंगे। इसके लिए आप सभी जनप्रतिनिधियों को जागरूक होना पड़ेगा। अगर आपकी समस्या का समाधान नही होता है तो एक सप्ताह बाद आप तब तक मुझे या संबंधित पदाधिकारियों को फोन के माध्यम से सूचित करते रहिए जब तक समाधान न हो जाये। उन्होंने बैठक में मौजूद पदाधिकारियों वो जनप्रतिनिधियों को कहा कि महीना का दूसरा शनिवार को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाइए। दूसरा शनिवार को जब अपने कार्यालय जाते हैं तो सफाई से पहले बाद का फोटो ग्रुप में शेयर करें। जिससे लोगों की जागरूकता बढ़ेगी
सबसे पहले शिक्षा विभाग पर चर्चा किया गया। बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग के कई कमियों को गिनाया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षा पदाधिकारी से शिकायत करने के बाद भी करवाई नही होती। हर बार टाल मटोल दिया जाता है। वही शिक्षा पदाधिकारी संगीता कुमारी ने सभी जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि व्यस्तता के कारण जो काम अधूरा रह गया है। उसे ठीक करने का पूरा प्रयास किया जायेगा। आगे से दिक्कत नही होगी। उसके बाद आंगनबाड़ी पर चर्चा किया गया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पंचायत समिति की बैठक में लिए गए एक भी प्रस्ताव का पालन नही हुआ। पिछले बैठकों में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभुकों को देने वाले लाभ को चार्ट में लटकाने की बात की गई थी। लेकिन अब तक कोई भी चार्ट नही लटकाया गया। जिसमें आमजनों को पता ही नही चलता कि टीएचआर में क्या क्या मिलता है। गर्भवती महिलाओं को क्या मिलता यह भी लोगों को जानकारी नही मिलती। वही जब भी टीएचआर वितरण किया जाता है तो उसकी जानकारी किसी भी जनप्रतिनिधि को नही होती है। मौजूद जनप्रतिनिधियों ने सीडीपीओ क्षेत्र में उपस्थिति को लेकर भी नाराजगी जाहिर किया। बैठक के दौरान सेविका के द्वारा अपने घर पर केंद्र चलाने का भी मुद्दा उठा। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र सेविका मनमानी तरीके से अपने घर पर ही चलाती हैं। जिसपर सीडीपीओ सीमा कुमारी ने सदन को बताया कि 67 सेंटर स्कूल में शिफ्ट था। लेकिन कई स्कूलों में मना करने पर 29 अभी बचा है। बाकि अभी रेंट में है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा किया गया। स्वास्थ्य विभाग के चर्चा के दौरान सर्वप्रथम क्षेत्र में एपीएचसी में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों का मुद्दा उठाया है
जनप्रतिनिधियों ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में नही पहुँचते। कब आते हैं कब जाते हैं पता ही नही चलता। इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैसा में जांच घर तीन बजे तक ही खुले रहने का मुद्दा जोरों से उठाया। सबने एक स्वर में कहा कि ओपीडी 5 बजे शाम तक चलती है। तो जाँच घर तीन बजे तक क्यो खुली रहती है। तीन बजने से पहले ही इसमें ताला क्यों लग जाता है। क्या तीन बजे के बाद जांच की जरूरत नहीं पड़ती। उसके बाद जनप्रतिनिधियों ने कहा कि पिछले पंचायत समिति के बैठक में प्रस्ताव लिया गया था कि बीएचएम 24 घण्टे अस्पताल में रहेंगे। जिसपर उन्होंने कहा भी था कि अब से यही रहेंगे। लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव का अनुपालन नही किया। जिसके कारण रात में अस्पताल का विधि व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। जिसपर बीएचएम आलोक वर्मा ने बताया कि उनका ड्यूटी सुबह 10बजे से शाम 5 बजे तक ही है। रात की जिम्मेदारी में अस्पताल में ड्यूटी में मौजूद डॉक्टर की बनती है। इस दौरान मुख्य रूप से प्रखंड प्रमुख मो शमीम अख्तर उर्फ लालबाबू, उपप्रमुख फिरोज आलम आदि मौजूद थे