पति की दीर्घायु व लंबी उम्र के लिए मनाया गया करवा चौथ का पर्व

 

कुरसेला /सिटी हलचल न्यूज़

कटिहार : कुरसेला प्रखंड क्षेत्र में रविवार को पति की दीर्घायु व लंबी उम्र एवं अखंड सुहाग की प्राप्ति को लेकर महिलाओं ने करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया गया। करवा चौथ का त्यौहार को लेकर महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। करवा चौथ त्यौहार को लेकर विवाहिता में खासा हर्सोल्लास का वातावरण देखा गया। रविवार को अहले सुबह से ही सुहागिनों महिलाओं ने सज धज कर निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना के साथ पूजा अर्चना की। जानकारों के मुताबिक करवा चौथ का व्रत सुहागिन अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है। इसमें निर्जल रहकर अपने पति की सलामती के लिए कामना करती है। यह व्रत पति और पत्नी के बीच निश्छ्ल प्रेम का प्रतीक भी है। जानकार बताते हैं कि यह व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ कुंवारी युवतियां भी अपने होने वाले पतियों के लिए इस उपवास को बहुत उत्साह एवं श्रद्धा के साथ करती है


करवा चौथ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व :

करवा चौथ भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है । इस व्रत में महिलाएं श्री गणेश जी की पूजा करती हैं, जो मंगल और सिद्धि के देवता माने जाते हैं। गणेश जी की पूजा करने से उनके पति के जीवन में सभी बाधाओं का नाश होता है और समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि चंद्रमा को शीतलता, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने से पति-पत्नी के जीवन में चंद्रमा जैसी शीतलता और संतुलन की प्राप्ति होती है


करवा चौथ का समाज में महत्व :

करवा चौथ का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह भारतीय समाज में पति-पत्नी के रिश्ते को और भी मजबूत करता है। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने पति के प्रति अपनी निष्ठा, प्रेम और समर्पण को प्रदर्शित करती हैं। यह प्रेम और समर्पण किसी भी दांपत्य जीवन के लिए आवश्यक आधारभूत तत्व हैं। करवा चौथ के व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने पति के साथ अपने रिश्ते को और अधिक प्रगाढ़ करती हैं। यह एक ऐसा अवसर है, जब पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम, निष्ठा और आदर को फिर से जीवित करते हैं ।

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