शिक्षकों का वेतन अविलंब भुगतान करे विभाग.. :- पवन कुमार जायसवाल



रूपौली। विकास कुमार झा 

बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ,पूर्णिया जिला अध्यक्ष सह संयोजक बिहार शिक्षक एकता मंच पूर्णिया, पवन कुमार जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालय में कार्यरत,प्रारंभिक,माध्यमिक,उच्च माध्यमिक,के नियोजित शिक्षक एवं बीपीएससी शिक्षकों का वेतन भुगतान अब तक नहीं होना दुर्भाग्य पूर्ण है, चिंताजनक है जबकि सरकार व विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि 25 अक्टूबर तक भुगतान हर हाल में हो जाना चाहिए।परन्तु ढाक के तीन पात चरितार्थ... जबकि कल धनतेरस है,शिक्षक अपनी खरीददारी कैसे कर सकेंगे?एक तो 9 बजे से 4:30 तक शिक्षक अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं,परन्तु समय पर वेतन भुगतान नहीं होना सौतेलापन आचरण को दर्शाता है।वेतन किसी भी कर्मी के आश्रितों के लिए होता है।यूं तो शिक्षकों की विभिन्न श्रेणी कर सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को दूषित तो कर ही दिया गया है।शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर शिक्षकों को समाज में अपमानित एवं जलील कर रहे हैं । कभी निरीक्षण के नाम पर तो कभी ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के नाम पर प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।न तो धनतेरस,न ही छोटी दिवाली के अवसर पर अवकाश घोषित किया गया।मात्र एक दिन की ही दीपावली मनाने की छुट्टी घोषित है,जबकि बिहार में पड़ोसी राज्य के निवासी भी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं,दूर दराज के भी शिक्षक जो 100-200किलोमीटर दूरी पर उनका घर है।ऐसे में वे शिक्षक दिवाली में घर जाने से वंचित रह जाएंगे।ऐसा लगता है कि राज्य में शिक्षक सबसे बड़ा अपराधी है, उसे पकड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। 


जिला अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि जब हम समय से हर काम का अंजाम देते हैं तो फिर समय पर वेतन भुगतान क्यों नहीं किया?क्या शिक्षकों का परिवार नहीं है,बच्चे नहीं हैं,क्या उन्हें दीपावली मनाने का हक नहीं है?इनका जवाब सरकार व विभाग दें। अमानवीय विचार को त्याग कर मानवता का परिचय देना चाहिए।अन्यथा वो दिन दूर नहीं शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होने के बजाय दिन प्रति दिन और कमजोर होगी।समाज को दूषित करने की सारी परिपाटी कुव्यवस्थित विभाग,कुशासन सरकार पर थोपी जा सकती है।अतःविभाग से सहानुभूति पूर्वक मांग करते हैं कि सभी शिक्षकों का वेतन अविलंब भुगतान किया जाय।अन्यथा की स्थिति में आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे,जिसकी सारी जवाबदेही विभाग की होगी।


  जिला अध्यक्ष ने ये भी कहा कि प्रत्येक दिन नए नियम बनाने वाले शिक्षा विभाग सिर्फ शिक्षकों के लिए नये फरमान जारी कर कार्य के लिए दबाव बनाया जाना लेकिन समय पर वेतन नहीं मिलना  शिक्षा विभाग की असलियत को उजागर करता है। श्री जायसवाल ने कहा कि विभागीय उदासीनता के कारण जिले स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है,न ही समय पर वेतन भुगतान हो रहा है जबकि दिसम्बर तक की वेतन भुगतान हेतु राशि जिला को प्राप्त है।

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