भारतीय संविधान किसी भी धर्म विशेष के भावनाओं एवं उनके मत पर टिप्पणी करने की इजाजत नहीं है :- आलोक

पूर्णियाँ /बालमुकुन्द यादव 

पूर्णियाँ : बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रोफ़ेसर आलोक कुमार ने भाजपा के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा हिन्दू स्वाभिमान यात्रा निकाले जाने पर कहा कि भारत में हिंदुओं पर कोई ख़तरा नहीं है बल्कि बाबा साहब भीमराव अंबेदकर के द्वारा रचित संविधान पर ख़तरा उत्पन्न हो गया है । भारतीय संविधान किसी भी धर्म विशेष के भावनाओं एवं उनके मत पर टिप्पणी करने की इजाज़त नहीं देता है । भारतीय संविधान समता ,स्वतंत्रता भाईचारा एवं न्याय पर आधारित व्यवस्था को क़ायम करने की अवधारणा को मानता है । जहाँ धर्म निरपेक्षता भारतीय संविधान की मूल धारणा है । प्रोफ़ेसर आलोक ने कहा कि सीमांचल क्षेत्र में मुग़ल काल से लेकर आज तक कभी भी कोई धार्मिक आधार पर बँटवारा नहीं रहा है


सभी धर्म के मानने वाले लोग अपने पारंपरिक गौरवशाली परंपराओं को क़ायम रखकर आपसी सौहार्द एवं भाईचारा क़ायम कर जीवन यापन कर रहा है । आर॰ एस॰ एस॰ संगठनों के विघटनकारी विचारों को सीमांचल के लोग हमेशा नकारते आ रहे हैं । हिन्दू स्वाभिमान यात्रा का मुख्य उद्देश्य ओबीसी,एससी,एसटी एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों को आपस में बांटकर कर इन वर्गों के लिए चल रहे माँग, जाति आधारित गिनती , जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की सीमा बढ़ाएं जाने जैसी ज्वलंत मुद्दे से लोगों को भटकाने का षड्यंत्र है 

सीमांचल क्षेत्र के ग़रीबी ,भुखमरी , शिक्षा, रोज़गार, बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों के लिए भाजपा के पास कोई एजेंडा नहीं है । प्रोफ़ेसर आलोक ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से अपने स्वयंसेवकों को नेपाल ,बांग्लादेश, चीन एवं पाकिस्तान के सीमाओं पर घुसपैठ रोकने के लिए तैनाती करने की माँग किया है । हिन्दू स्वाभिमान यात्रा निकालने वाले धर्माचार्य एवं केंद्रीय मंत्री को विश्व के भुखमरी के सूचकांक पर ध्यान देने का आग्रह किया है, जहाँ भारत एकसौ पांचवें स्थान पर पहुँच गया है।जिसमें 85% हिंदू परिवार है ।

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