करोड़ो की लागत से बनी सड़क पानी मे रहता है डूबा, नाव एकमात्र सहारा

कुरसेला सिटी हलचल न्यूज़ (कटिहार) 

नगर पंचायत कुर्सेला का बाघमारा एवं पंचकुटी गांव लगभग 2 महीने से टापू में तब्दील है।  बाढ़ पानी के घटने व बढ़ने के बीच गांव वासियों के लिए आवागमन का मुख्य सड़क  कुर्सेला एन एच 31 सड़क से बाघमारा व पंचकुटी गांव जाने वाली सड़क लगभग 2 महीने से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है।  जिससे गांव वासियों को आवागमन के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है।  बताते चलें कि मुख्यमंत्री पथ संपर्क योजना के तहत 2 वर्ष पूर्व पुल और सड़क का निर्माण करोड़ों की लागत से हुआ था हुआ था । लेकिन सड़क ऊंचा नहीं रहने के कारण बाढ़ के समय सड़क लगभग 2 से 3 महीने तक पानी में डूबा रहता है।  ग्रामीणों का कहना है कि सड़क  निर्माण कार्य के समय हम लोगों ने विरोध किया था । 

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण  बाघमारा गांव के सड़क को ऊंचा कर बनाया जाए। वही ग्रामीणों का कहना था लेकिन संवेदक के द्वारा ग्रामीणों के मांग के अनुसार जितना ऊचाई करना था उतना ऊंचा नहीं कर उसे कुछ नीचे ही बना दिया गया। संवेदक का कहना था कि सङक उंचा करने के लिए जितना स्टीमेट मे है। मैने कर दिया।  जिससे सङक उचा नही होने के कारण बाढ़ के समय में लगभग 3 महीने तक सड़क पर एक  किलोमीटर तक 5 से 6 फीट तक पानी में डूबा रहता है । इस कारण गांव वासी को प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक तथा अस्पताल और हाट-बाजार आने-जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है।  जिसके कारण लोगों को काफी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। क्योकि दो छोटी डेंगी नाव उपलब्ध प्रशासन द्वारा कराया गया है। गांव मे एक मध्य विद्यालय है। विद्यालय के शिक्षक व शिक्षिका के लिए नाव ही एक मात्र साधन है। छोटी नाव से 5 से लेकर 6 लोग ही सवारी कर सकते । 

क्या कहती है नगर पंचायत की मुख्य पार्षद  :  मुख्य पार्षद लवली कुमारी ने कहा कि बाढ प्रभावित क्षेत्र  होने के कारण  सङक की उचाई बढाना था। लेकिन संवेदक द्वारा मनमानी तथा  सरकार की उदासीनता के कारण  सङक की उचाई नही बढाने के कारण तीन महीने तक सड़क बाढ पानी  डूबा रहता है। मुख्य पार्षद ने  गांव वासी के परेशानी को देखते हुए बिहार सरकार से पुनः उंचा कर सड़क निर्माण की मांग की है। 

क्या कहते है ग्रामीण  राकेश कुमार सिंह :  राकेश कुमार सिंह ने कहा कि सङक तीन महीने तक बाढ पानी डूबा रहता है। जिससे गांव वासी के लिए नाव ही एकमात्र साधन है। उन्होने  शासन व प्रशासन से सङक को उचा कर निर्माण की मांग की है। 

क्या कहते है ग्रामीण नंदा कुमार  : नंदा कुमार  ने कहा कि गांव टापू मे तब्दील है। सड़क पर 5 से 6 फीट तक पानी मे डूबा है। नाव सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया है। हमलोग पानी होकर ही आना जाना पड़ता है। 

क्या कहते है ग्रामीण इन्द्र देव मंडल: इन्द्र देव  मंडल ने  कहा कि मुख्य सङक एक किलोमीटर तक बाढ पानी मे तीन महीने तक डूबा रहता है। जिससे हमलोगो को  आवागमन मे काफी कठिनाई का सामना करना पङता है। बाढ पानी मे डूबे सड़क से गांव जाना आना पङता है। सरकार द्वारा  नाव उपलब्ध कराया गया है। और बताया कि स्कूल जाने में बच्चों लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर गांव में गर्भवती महिला हो या कोई बीमार हो जाए तो आफत सी आ जाती है।

Post a Comment

0 Comments