पोषक क्षेत्र के दर्जनो महिला अभिभावकों ने किया मांग स्कूल में बने एमडीएम।
नगर पंचायत के जयरामपुर मध्य विद्यालय में बुधवार को एमडीएम खाने से वंचित रह गए सैकड़ो छात्र।
आक्रोशित महिलाओ ने आलू की चटनी को जमीन पर फेंका।
मुरलीगंज मधेपुरा
नगर पंचायत के जयरामपुर मध्य विद्यालय में बुधवार को एनजीओ द्वारा पहुंचाई गई मध्याह्न भोजन से स्कूल के छात्र-छात्राएं वंचित रह गए। मध्याह्न भोजन स्कूल आते हीं दर्जनो की संख्या में पोषक क्षेत्र के महिला अभिभावक पहुंच गई। भोजन में विभिन्न तरह के गड़बड़ी और खाने से बच्चो के तबियत खराब होने की बात कही जा रही थी। कुछ देर तक काफी गहमा गहमी बनी रही। इसी दौरान एक अभिभावक महिला ने आलू की चटनी को जमीन पर पलट दिया। साथ हीं खिचरी को भी जमीन पर गिराने का प्रयास किया। लेकिन शिक्षक और अन्य महिलाओ के द्वारा रोका गया। चटनी फेंक देने के कारण बच्चे भोजन नही खाए। आक्रोशित महिलाओ अभिभावको का कहना था कि एनजीओ के द्वारा दिये जा रहे मध्याह्न भोजन निम्न स्तर का रहता है। बच्चे खाना नही चाहते हैं। अगर खाते हैं तो बच्चे का तबियत खराब हो जाता है। इनका कहना यह है कि एनजीओ के उपलब्ध
एमडीएम को बंदकर स्कूल में पूर्व की भांति मध्याह्न भोजन बनाया जाए। हालांकि यह कहा गया कि कुछ बच्चे घर से नास्ता लेकर आते हैं। ज्यादातर बच्चे एमडीएम खाते हैं। शिक्षको का कहना था कि पहले शिक्षक या रसोईया के द्वारा भोजन टेस्ट किया जाता है। उसके बाद हीं बच्चे को खिलाई जाती है। जब कभी भोजन में शिकायत मिली है तो बच्चों को खिलाने से परहेज किया गया है। इस दौरान एक बच्ची द्वारा अभिभावक को एमडीएम में गड़बड़ी की बात कहने के क्रम में मौके पर पहुंचे एचएम द्वारा डांट-फटकार किया गया। जिससे उक्त बच्ची रोने लगी। बहरहाल बुधवार को जयरामपुर मध्य विद्यालय के बच्चे मध्याह्न भोजन करने से वंचित रह गए।
वही स्कूल एचएम अजय कुमार अजय ने कहा कि एनजीओ के द्वारा बहुत अच्छा तो नही कह सकते हैं, सामान भोजन दिया आता है। जब भोजन खराब हो जाता है तो बच्चा को रोक दिया जाता है। हमलोग कई बार एनजीओ को शिकायत कर चुके हैं। एनजीओ भोजन में सुधार की बात कहती है।
इस बावत लगातार प्रयास के बावजूद बीईओ से संपर्क स्थापित नही हो सका।