संवाददाता:-प्रभात सिंह
बिहार राज्य के कटिहार जिला कदवा प्रखंड अंतर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) यह कानून अकुशल शारीरिक श्रम करने वाले लोगों को हर वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देता है। जो कदवा में पूरी तरह विफल दिखाई दे रहा है। जानकारी देते हुए मैं बता दूं की प्रखंड के अधिकांश पंचायत में जैसे कांटिया, कदवा, कुम्हड़ी, मोहम्मदपुर, सागरथ, गैठोरा, प्रभैली, चौनी, भर्री, गोपी नगर,
धपरसिया, धंनगामा, तेतलियां,जाजा,सिकोरना,कुरसैल, उनासो पंचगाछी, बैलोन, शेखपुरा, शिकारपुर, इत्यादि 30पंचायत में। मनरेगा कर्मी जई, पिटिऐ, रोजगार सेवक, बीएफटी, के मन माने रवैया और मिली भगत से मनरेगा मजदूर को छोड़कर ठेके पर वर्क करवा कर मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं मिलना मजदूरों के साथ अन्याय करना यह आम दिन की बात हो गई है। इस बात की जानकारी देते हुए जन स्वराज कि महिला कार्यकर्ता सरिता सिंह ने बताया कि योजना स्थल पर योजना का शिलापट नहीं होने से स्थानीय मनरेगा मजदूरों को योजनाओं के बारे में पूर्ण रूप जानकारी नहीं मिलना उन्हें 100 दिन का काम नहीं मिलना मजदूरों को काम पर नहीं लगा कर जेसीपी मशीन और ट्रैक्टर से काम लेना मजदूरों के साथ अन्याय हो रहा है। जिसके वजह से मजदूरों को बेबसी, लाचारी, भुखमरी के वजह से दूसरे राज्य रोटी रोजी की तलाश में जाने को लाचार है। प्रत्येक वर्ष पंजाब, राजस्थान ,गुजरात इत्यादि जगहों पर जाकर उन्हें काम करना पड़ रहा है। यदि कदवा प्रखंड में उन्हें काम मिलता तो वह दूसरे राज्य के लिए पलायन नहीं करते। साथ ही साथ मनरेगा कर्मियों के द्वारा मजदूरों का हाजिरी जीरो कर देना बहुत दुखद बात है। वही श्रीमती सरिता सिंह ने यह भी बताया कि मनरेगा विभाग में 60 परसेंट विभागीय कमीशन लेने की भी बात हमारे कानों तक आई है। ऐसा है तो 40 परसेंट में कैसा काम होगा धरातल पर हम इसका जिला प्रशासन से हमारी मांग करते हैं। कि प्रखंड के विभिन्न योजनाओं का जांच कर मनरेगा कर्मियों पर उचित कार्रवाई की जाए क्योंकि बिना पीसी लिए मजदूरों का मजदूरी जीरो कर देना यह एक बड़ा विषय है। सागरथ पंचायत के रीगा नदी का जिर्णोधार मैं सरकारी रुपए का दुरुपयोग कर एस्टीमेट बनाना या नदी में मिट्टी वर्क काम करना किस दृष्टिकोण से सही कार्य
किया गया है। इसका भी जांच करवाना हमारी मांग है। यदि इन सभी बातों को लेकर योजना की सही जांच कटिहार जिला प्रशासन या कदवा पिओ मनिष कुमार नहीं करवाते हैं। तो मैं इसका लिखित आवेदन राज्यपाल को दूंगी। क्योंकि हर रोज मजदूर हमारे प्रखंड से पलायन कर रहे हैं। यदि उन्हें काम मिलना प्रारंभ हो जाएगा तो वह अपने पंचायत मैं ही रहकर काम करेंगे अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रहेंगे। उनकी खुशी में ही हमारी खुशी है।