लोकसभा चुनाव में मुरलीगंज रेलवे स्टेशन का मुद्दा भी रहेगा हावी



 मुरलीगंज (मधेपुरा)


लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। राजनीतिक पार्टी और प्रत्याशी अपना चुनावी एजेंडा तैयार करने में लगे हैं। इस बार भी चुनाव में विकास का मुद्दा तो रहेगा ही, साथ ही कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहेंगे। मुरलीगंज के लोगों के लिए रेलवे स्टेशन का समस्या प्रमुख माना जा रहा है। पिछले एक दशक से स्टेशन का विकास नहीं हो पाया है। प्लेटफार्म ऊंचीकरण व बिजली-पानी की आपूर्ति अपर्याप्त साबित हो रही है।


जनप्रतिनिधि द्वारा स्टेशन पर व्याप्त समस्याओं को लेकर आवाज नहीं उठाने से विकास संभव नहीं हो पाई है। इसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ता है। पिछले 7 सालों में करीब आधा दर्जन लोगों ने मुरलीगंज में ट्रेन पकड़ने के दौरान अपनी जान तक गवां दी है। फिर भी प्लेटफार्म ऊंचीकरण करने के दिशा में कोई पहल नहीं की जा सकी है। रेलवे को लाखों रुपए का राजस्व देने वाला मुरलीगंज रेलवे स्टेशन सुविधाओं का मोहताज है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस स्टेशन की समस्या रेलवे की विकास सूची से गायब है। इसका खामियाजा रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। मुरलीगंज रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है। यह स्टेशन हमेशा से उपेक्षित रहा है। रेलवे विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच यह स्टेशन अपनी बदहाली पर रो रहा है।  पेयजल एवं शौचालय सुविधा का अभाव है। स्टेशन पर बने शौचालय का उपयोग नहीं हो रहा है जिस वजह से महिलाओं को घोर संकट का सामना करना पड़ता है। पेयजल के लिए मात्र एक हेंडपंप प्लेटफॉर्म पर हैं ऐसी स्थिति में लोग पानी के लिए भटकते नजर आते हैं। 



शौचालय व पेयजल की नहीं है व्यवस्था: 


स्टेशन पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं रहने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। चिलचिलाती धूप व गर्मी से परेशान यात्री पानी पीने के लिए तरसते हैं। प्लेटफार्म नंबर एक पर एक हैंडपंप है बस उसी से किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। वहीं शौचालय का भी घोर अभाव है। हाल के दिनों में एक शौचालय का निर्माण हुआ भी तो वो चालू नहीं किया गया है। खासकर महिलाओं को शौचालय जाने में दिक्कतें आती है।


वेटिंग हाल नहीं रहने से परेशान रहते हैं यात्री: 


पूर्णिया कोर्ट से भाया मुरलीगंज पाटलिपुत्र तक जनहित जैसे ट्रेन चलने के बाद रेलवे के राजस्व में काफी बढ़ोतरी हुई है। हर दिन सैकड़ों लोग मुरलीगंज से पटना के लिए सफर करती है। ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पर आने के बाद लोग वेटिंग हाल का खोज करते हैं। लेकिन वेटिंग हाल नहीं रहने से यात्रियों को भारी परेशानी होती है। 


प्लेटफॉर्म नीचे रहने से हो रही परेशानी: 


मुरलीगंज स्टेशन का दोनों प्लेटफार्म नीचे रहने के कारण सीनियर सिटीजन, महिला एवं छोटे-छोटे बच्चे को गाड़ी पर चढ़ने उतरने में काफी परेशानी होती है, ऐसी परिस्थिति में मुरलीगंज रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म को ऊंचीकरण कराना जनहित में अति आवश्यक है। ज्ञात हो कि रेलवे स्टेशन से सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया, अमृतसर, पटना, गया एवं अन्य जगहों के लिए दैनिक रेल यात्री काफी संख्या में सफर करते हैं। यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने उतरने में काफी परेशानी होती है। कई बार ट्रैन पर चढ़ने के दौरान यहां घटना भी घट चुकी है। बावजूद इसके इस दिशा में रेलवे द्वारा कार्य नहीं किया जाना खतरनाक साबित हो रहा है।

कोट: 

प्लेटफार्म ऊंचीकरण, शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था करने के लिए रेलवे के वरीय अधिकारियों को जानकारी दी जा रही है। जल्द ही प्लेटफार्म ऊंचीकरण के दिशा में कार्य होने की संभावना है। - तुफानिया मर्दानीया, एसएम मुरलीगंज स्टेशन

Post a Comment

Previous Post Next Post