पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
पूर्णिया के युथ सिंगर भोजपुरी गाने से वोटरों को इस चुनाव जागरूक कर रहे हैं। 'गुंडा मबाली से तानिको डरैहा, पैसा के लालच में जन झुक जइहा' नाम के चुनावी सॉन्ग के जरिए 19 साल के सुमन चर्चा में आ गए हैं। सुमन के इस गाने को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। अपने गाने के जरिए वे लोगों से वोटिंग की अपील कर रहे हैं, बल्कि चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं की ओर से बांटे जाने वाले पैसे और बहकावे से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं। युथ सिंगर का ये गाना सोशल मीडिया पर वायरल है।
बेहद ही गरीब परिवार से आने वाले सुमन के चुनावी गाने को सोशल मीडिया यूजर्स न सिर्फ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर रहे हैं। बल्कि इनके इस पहल से प्रभावित होकर खूब प्रशंसा कर रहे हैं।जिला प्रशासन ने भी इस गाने को सराहा है। ग्रामीण परिवेश से आने वाले सुमन पावर स्टार पवन सिंह और खेसारी लाल के बड़े फैन हैं। हालांकि वे भोजपूरी इंडस्ट्री में फैली अश्लीलता को दूर करना चाहते हैं। इसी मिशन को लेकर वे समाज को जागरूक करने वाले गाने लिखने और गाने का काम कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए युथ सिंगर सुमन ने कहा कि चुनावों आते ही नेताओं की ओर से वोटरों को लुभाने के लिए पैसे और दाबत का खेल शुरू हो जाता है। नशे का प्रलोभन देकर वे जनता को मोह देकर कीमती वोट ले लेते हैं और फिर अगले 5 साल तक नजर नहीं आते। इसी को लेकर उन्हें चुनाव और नशा पर गाना लिखने और गाने का ख्याल आया। जिसके बाद उन्होंने इसे लिखा और गाया। इस गाने को लोगों का उम्मीद से अधिक प्यार मिल रहा है। स्थानीय मुखिया और जिला प्रशासन ने भी उनके गाने को सराहा है। उनकी इच्छा है कि जिला प्रशासन उनके इस गाने को लोकसभा चुनाव को लेकर जारी जन जागरूकता अभियान में शामिल करे।जिले के के.नगर प्रखंड के गणेशपुर नया टोला गांव में रहने वाले 19 साल के सुमन कहते हैं कि गरीबी जब आड़े आई, तो उन्हें बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। स्कूल में गायिकी में भोजपुरी गीतों के जरिए कई प्रतियोगिताएं जीती। सिंगिंग उनका पैशन था, ऐसे में पवन सिंह और खेसारी लाल से प्रभावित होकर सुमन ने सिंगिंग को बतौर करियर चुना और स्टेज शो करने लगे। आर्थिक परेशानियों के चलते जागरण और शादी समारोह में भोजपुरी गीतों पर स्टेज शो गए शुरू किया। नाइट शो के लिए सुमन को 1 हजार रुपए मिलते। इसके बाद वे शादी और पार्टी इसके लिए उन्हें हर शो के लिए 2 हजार रुपए तक दिए जाते। उन्हे महीने का 5 प्रोग्राम मिल जाता।
सुमन बताते हैं कि 4 साल के करियर में वे भोजपुरी से जुड़ी करीब 20 स्टूडियो के लिए गा चुके हैं। 2019 में लोकल स्टूडियो से उन्होने इसकी शुरुआत की थी। उन्हें गाने लिखने का काफी शौक था। पहली बार कोरोना वायरस और उड़ीसा रेल हादसे पर बनाए भोजपुरी गाने से लोगों की जुबां पर आए। कोरोना काल में बिहार से बाहर काम करने वाले मजदूर और कोरोना से उभरी समस्या के ऊपर भोजपुरी में गाना लिखा और फिर उसे गाया। उड़ीसा रेल हादसे पर बने गाने को भी लोगों ने खूब सराहा। इसी के बाद उन्हें भोजपुरी फिल्म के लिए गाने लिखने और गाने का ऑफर आया। पहले तो उन्होंने इसके लिए अपनी हामी भर दी मगर गाना काफी अश्लील होने की वजह से उन्होंने ये ऑफर ठुकरा दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें इस काम के लिए डेढ़ लाख रुपए मिलते।