गुरुद्वारा सिहसभा में बाबा दीप सिंह की 342 वां जयंती समारोह पूर्वक मनाया

मुन्ना ठाकुर। फारबिसगंज (अररिया). शनिवार को बाबा दीप सिंह जी की 342 वां जन्मोत्सव समारोह पूर्वक फारबिसगंज के राम मनोहर लोहिया पथ स्थित गुरुद्वारा सिहसभा में मानाई गई। इस अवसर गुरुद्वारा में भजन कीर्तन का आयोजन किया। मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बंधित करते हुए मुख्यग्रन्थि ज्ञानी प्रदीप सिंह ने बाबा दीप सिंह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 26 जनवरी 1682 को भाई भगत सिंह बीबी जियोनी के घर अमृतसर जिला के पहुविंद में बाबा दीप सिंह का जन्म हुआ था। 1699 में वैसाखी के दिन आनंदपुर साहिब गये, जहाँ उन्होंने खालसा पंथ की दीक्षा ली।
युवा होने के कारण बाबा दीप सिंह ने गुरुजी के सानिध्य में धार्मिक ज्ञान के साथ-साथ अस्त्र सस्त्र और घोड़ सवारी की कला सीखी। वे वहां  गुरुमुखी पढ़ा और गुरुओ के शब्दों की व्यख्या सीखी। दो वर्ष बाद वे अपने घर चले आये, लेकिन गुरुगोविंद सिंह के बुलावे पर वे गुरुजी के पास पहुंचे।
तत्कालीन मुगलों के आतंक और देश पर हो रहे हमले की रक्षा के लिये उन्हें कमान दी गई।
ज्ञानी श्री सिंह ने कहा सिख मत में उनकी बीरता की अनेकों बखान है 1757 में अहमद शाह दुर्रानी ने उत्तर भारत पर हमला कर के दिल्ली से खजाना लूट कर युवा और महिलाओं को बंदी बनाकर कर जब काबुल अफगानिस्तान ले जा रहा था तब बाबा दीप सिंह ने हमला कर बंदियों को मुक्त कराया और खजाना वापस ले लिया जिससे क्रोधित हो दुर्रानी ने अपने बेटे राजकुमार तैमूर शाह को पंजाब का कमान देते हुए उसके साथ दस हजार सेना और जनरल जहां खान को लगा दिया जिसने हरिमन्दिर साहेब को अपवित्र भी किया और तहस नहस कर दी। तब 75 वर्ष की उम्र बाबा दीप सिंह ने कसम खाई और पुनः हरमंदिर सिंह का निर्माण करने निकल पड़े इस दौरान काफी संख्या सिख उनके साथ हो चले।ज्ञानी ने बताया कि इस दौरान उनकी युद्ध मुगलिया फौज के साथ हुई जहां उनका सर धर से अलग हो गया। लेकिन उनको सिख धर्म की याद आई तो
वे उठे फिर एक हाथ मे खुद का सर और दुसरे हाथ मे तलवार लेकर मुगल फौज से युद्ध लड़ते हुए अमृतसर हरमंदिर पहुंचे और मन्दिर का परिक्रमा करते हुए शहीद हो गये। सिख मत में उनकी यह कुर्बानी एक मिसाल है। इस मौके पर गुरुद्वारा परिसर में लंगर का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा के प्रधान प्रीतपाल सिंह, सचिव तेजेन्द्रपाल सिंह, ज्ञानी भगवान सिंह, वार्ड पार्षद रॉकी कुमार उर्फ नन्दं ठाकुर, एस आई रौनक सिंह, संकी सिंह, इन्द्रपाल सिंह, अमृत पाल सिंह, राजवीर सिंह, साहेब सिंह, कुशार आहूजा, रंजीत कौर, जसमीत कौर, जसवीर कौर, मंजीत कौर, रनकी कौर, लता आहूजा, पवन लड्डा काफी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने लंगर प्रसाद ग्रहण किये।
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