रूपौली /विकास कुमार झा
मोहितलाल बाबू शिक्षा के साथ ही संतमत सत्संग का अलख जीवनपर्यंत जगाते रहे ।सोमवार को उनकी नवमी पुण्य तिथि पर भी सत्संग का आयोजन होना उनके सद्कर्मो का फल है ।उक्त बातें संतमत आश्रम कुप्पाघाट से आये संत स्वामी रविनंदन बाबा ने टीकापट्टी के जानेमाने शिक्षाविद सेवानिवृत शिक्षक स्व मोहित लाल यादव के नवमी पुण्यतिथि पर आयोजित संतमत सत्संग में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे ।
संतमत सत्संग के आयोजन से पूर्व मोहित लाल बाबू के मोक्ष स्थल पर पहुँच सभी उपस्थित लोगों ने तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया ।स्मारक स्थल पर ही एक घंटे का ध्यानाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया ।मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए स्वामी उमेश बाबा ने कहा कि लोगो की कृति कभी नही मरती है ।अच्छे कर्म की निशानी वर्षो तक लोगो के जेहन में जीवंत रह जाता है ।मोहित लाल बाबू जीवन पर्यंत लोगो को शिक्षा का महत्व बताने के साथ ही नशा से दूर रहने का मार्गदर्शन करते रहे ।
शायद यही कारण है कि आज भी उनकी पुण्यतिथि पर सैकड़ो लोग उपस्थित होकर उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा ले रहे है ।आज हमलोग प्रण ले कि मोहित लाल बाबू के बताए रास्तों पर चल कर एक शिक्षित ,सभ्य और नशामुक्त समाज का निर्माण करने में अपनी -अपनी भूमिका का ईमानदारी पूर्वक निर्वाहन करेंगे ।आपका यही प्रण मोहित लाल बाबू के लिए एक सच्ची और अच्छी श्रद्धांजलि होगी ।