28 सालों में इस पुल ने लिया दर्जनों लोगों की जान, जनप्रतिनिधि मुखदर्शक

 



धनबाद/सिंधु कुमार

सिंदरी विधानसभा परसबनिया पंचायत के मनोहरटांड का ये पुल लगभग 1992 में बना, और 1995 में टूट गया। अब इसको भ्रटाचार कहें या कुदरत का कहर आपको याद होगा 1995 में लगातार कई दिनों तक बारिश होने के कारण गजलीटांड़ का खदान डूब गया था और 56 लोगों की मृत्यु हुई थी ठीक उसी समय ये पुल भी ढह गया था । लेकिन आज 28 साल बीत जाने के बाद भी ये ज्यों का त्यों अवस्था में है किसी जनप्रतिधि का ध्यान इस तरफ नहीं है।


ये सड़क बलियापुर सिंदरी कांड्रा को जोड़ती है और लगभग पांच हजार से ज्यादा लोग इस पुल से आना जाना करते हैं ऐसे में लोगों का और कोई विकल्प नहीं है लोग जान हथेली में लेकर चल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है जब ये पुल बना तब घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।  झारखंड राज्य अलग होने के बाद तीन बार सिंदरी के विधायक रह चुके फूलचंद मंडल को ग्रामीणों द्वारा इस समस्या से अवगत कराया गया था

लेकिन कुछ भी नहीं हुआ, धनबाद सांसद पीएन सिंह के पास भी ग्रामीण अपनी समस्या को रखे थे लेकिन नेताजी को इतनी फुरसत नहीं की इसका निरीक्षण भी करें । अब देखना है चुनावी वादों में ये पुल पार्टियों के पर्चे में होगी या नहीं ये तो 24 के चुनाव में ही पता चलेगा।

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