रूपौली / विकास कुमार झा
रूपौली पंचायती राज व्यवस्था से निकलकर शहरी व्यवस्था की ओर चल पड़ी है लेकिन सुविधा एवं व्यवस्था के नाम पर जीरो ही है। कहने को तो रूपौली नगर पंचायत बन गई, लेकिन रूपौली के रोड हर हमेशा अतिक्रमण की मार से कहराते नज़र आ रही है। रूपौली की जो सौंदर्य करण के लिए अतिक्रमण हटाई गई थी वह कुछ ही महीनों में टांय-टांय फिस साबित हो गई है। वही लगता है रुपौली में अतिक्रमणकारियों के आगे प्रशासन बेबस नज़र आ रहे हैं। रुपौली के मुख्य चौराहों से लेकर सड़क के दोनों ओर अतिक्रमणकारियों ने जबरदस्त तरीके से कब्जा जमाना फिर से शुरू कर दिया है।
अगर इन अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करने की कोशिश प्रशासन करता भी है तो एक दो दिन कारवाई के बाद फिर देखने कोई आता भी नहीं है। जिसके चलते लोग फिर से क़ब्जे करना शुरू कर देते हैं। एसडीएम, एसडीपीओ से लेकर अंचलाधिकारी राजेश कुमार अतिक्रमण को लेकर सख्त नज़र आएं थे, लेकिन उनकी यह कारवाई भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई। दुकानों के आगे लगें टीन शेड व सामान किए अतिक्रमण को बुल्डोजर से हटवाया था।हालांकि इस कार्रवाई के बाद फिर से लोगों ने क़ब्जे करना शुरू कर दिया।अब आलम ये है कि उन्हीं स्थानों पर फिर से अतिक्रमण होने लगा है, जहां पर से प्रशासन ने पहले अतिक्रमण हटाया था। अब हालात यह है कि जो अतिक्रमण हटाया था, उससे कहीं ज्यादा फिर कब्जा हो गया है। सभी दुकानों के सामने फिर से टीन शेड लगें दिखने लगें हैं। कुछ समय पहले अंचलाधिकारी रुपौली राजेश कुमार एवं प्रशासनिक अमले द्वारा सब्जी विक्रेता, बस चालक, ऑटो चालक, सहित दुकानदारों को सख्ती से समझाया गया था, जिसके बाद कुछ दिनों तक तो सब ठीक-ठाक रहा। परंतु कुछ ही दिनों बाद फिर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया।अब हालत यह है कि इन अतिक्रमणकारियों में प्रशासन का बिल्कुल भी भय नहीं नज़र आ रहा है। वही अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार अतिक्रमण हटाने के समय बोलें थें अतिक्रमण ख़ाली होने के बाद बस लगाने के लिए स्टैंड का निर्माण करवाया जाएगा एवं बस रोड से हटकर लगाई जाएगी, लेकिन सब बातें हवा हवाई साबित हुई अब तो स्टेट हाइवे 65 पर ही बस चालक ऑटो चालक गाड़ियां खड़ी कर के सवारी उठाते है। जबकि कहने को रूपौली में बस स्टैंड है बस पड़ाव है लेकिन सब सिर्फ कागजों पर ही दिखाई पड़ती है। पैसेंजर्स के लिए बना हुआ यात्री शेड पर भी अतिक्रमणकारियों ने कब्ज़ा जमा लिया है।ढ़ीला रवैया, नहीं हुआ पूरा सरकारी दुकान का सपना: प्रखंड मुख्यालय के सामने में जिला परिषद की योजना से 25 दुकान का निर्माण कार्य शुरू किया गया,जो लगभग बनकर भी तैयार हो गया लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज़ वह सरकारी दुकान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। आज़ उक्त सरकारी दुकान पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है।
जबकि प्रखंड मुख्यालय होने के कारण दर्जनों बार प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां दौड़ लगातीं है। लेकिन नज़र इस गंभीर विषय पर नहीं जाती है। साथ ही दर्जनों बार रुपौली अंचलाधिकारी की गाड़ियां उक्त सड़कों पर फर्राटा लगाते हैं लेकिन प्रखंड मुख्यालय के आगे का अतिक्रमण पर उनकी नज़र नहीं पड़ती है। वहीं रुपौली होकर जो एस एच 65 जो गुजरी है,जिसकी चौड़ाई लगभग 65 फीट है, लेकिन वह भी धीरे धीरे सिकुड़ जा रही है। अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार ने कहा रूपौली में अतिक्रमणकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा ,समय निकालकर रूपौली पहुंच कर अतिक्रमण हटाते हैं।