पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
शहर के श्री नगर स्थित एक आवासीय विद्यालय वर्च्यू अकादमी में उपन्यासकार प्रेमचंद की जयंती मनाई गई ।जिसकी अध्यक्षता साहित्यकार प्रो देवनारायण पासवान ' देव ' एवं पूर्णिया आकाशवाणी केंद्र के पूर्व निदेशक पी एन झा ने संयुक्त रूप से की ।इस अवसर पर उपस्थित लेखिका प्रो डॉ उषा झा रेणु एवं अन्य मंचासीन अतिथियों ने प्रेमचन्द्र के तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया ।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो देव नारायण पासवान देव ने प्रेमचन्द्र के चर्चित कथा पंच परमेश्वर का सार विस्तार पूर्वक बताया। वहीं अपने अध्यक्षीय संबोधन में आकाशवाणी के पूर्व निदेशक प्रो पी एन झा ने प्रेमचन्द्र के कहानी ' अनमोल रतन ' के महत्व/उपादेयता पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला । वहीं लेखिका प्रो डॉ उषा झा रेणु ने प्रेमचन्द्र कालजयी रचनाकार बताया।जबकि विद्यालय के सचिव डॉ के के चौधरी ने विषय प्रवर्तन करते हुए प्रेमचंद को शोषितों , पीड़ितों , किसानों एवं स्त्रीयों की पीड़ा को उकेरने वाला बताया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजनकर्ता विद्यालय के निदेशक श्री श्याम कुमार ने कहा कि प्रेमचंद आज भी जिंदा और प्रासांगिक है । क्योंकि आज भी सामाजिक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है । क्योंकि जो दुख-दर्द प्रेमचंद के जमाने में था , वो आज भी है । उन्हौंने कहा कि प्रेमचंद के साहित्य की धारा रस हैं। ऐसे महान व्यक्तित्व जो समाज के उत्थान और प्रगति की सोचतें है तथा अपने कर्तव्यपथ पर अविचल रहते हैं । इसलिए हम उनके यादों में विगत 10 वर्षोंं से लगातार प्रेमचन्द्र की जयंती मनाते आ रहे हैं ।तत्पश्चात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें उपरोक्त वार्ताओं के अलावे चर्चित कवि बाबा बैद्यनाथ झा , प्राचार्य डॉ किशोर कुमार यादव , आशुतोष दुबे , रचित राज आदि कई कवियों एव साहित्यकारों की मनमोहक प्रस्तुति ने समां बांधी ।कार्यक्रम के अंत में अमन कुमार , प्रिया कुमारी , कृष्ण कुमार , अमित कुमार , शिवम् कुमार , प्रिंस कुमार , प्रितम कुमार , आयुष कुमार , शिवम् , आंचल , सूरज , सुधांशु , अभिषेक , सुभाष , बजरंग , अतुल , कनिष्क , रवि को पुरस्कृत किया गया।
जबकि प्रोफेसर रेणु एवं पी एन झा अंग वस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया |
इस मौके पर कार्यक्रम में उपरोक्त लोगों के अलावे के. पी. जायसवाल , अखिलेश मुरारी, दिलीप कुमार, उषा रानी, रूपम मिश्र आदि बड़ी संख्या में छात्र एवं शिक्षकगण मौजूद थे |