कोढ़ा/शंभु कुमार
मनरेगा योजना से दलित महादलित समुदाय की महिला मजदूर जुड़ कर आर्थिक रूप से सशक्त व समृद्ध बन रही है। मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष में 100 दिनों की रोजगार की गारंटी अब धरातल पर दिखती नजर आ रही है।सरकार का जनसरोकार से जुड़ी बेरोजगारी को दूर करने के लिए मनरेगा मजदूरों में शामिल करने हेतु दलित महादलित समुदाय की महिला के साथ जिविका दिदीओ को जिस तरह तेज गति से रोजगार मुहैया कराया जा रहा है
उसका जीता जागता उदाहरण कोढ़ा प्रखंड के बिषहरिया पंचायत चल रहे मनरेगा कार्यों में पीटीए रनधीर कुमार व पीआरएस ब्रजेश झा की देख देख में दलित महादलित समुदाय के महिलाओं की समुह मनरेगा में गुणवत्तापूर्ण कार्य करते देखा गया। जिससे की प्रतीत होता है की कार्य गुणवत्ता के साथ सरकार के सपने को साकार करते हुए धरातल पर दिख रही है।वही कोढा मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि मनरेगा का उद्देश्य टिकाऊ संपत्तियां जैसे ग्रामीण सड़कों,नहरें ,तलाब , कुओं का निर्माण करना मृत व ध्वस्त का जिनउद्धार कर नया रूप देना।मजदूरों के लिए सबसे बड़ी अहम बात है की आवेदक के निवास से 5 किलोमीटर के अंदर रोजगार उपलब्ध कराना साथ ही न्युनतम मजदूरी का मजदूरों का भुगतान करवाना । लगभग 5 करोड़ परिवारों को इसका देश में फायदा मिल रहा है।वही मनरेगा मजदूर को मजदूरी का भुगतान भी अब बड़े ही सुलभ तरीके से आधार बेस्ड पेमेंट के द्वारा की जाती है।जो कि सीधे मजदूरों के बैंक खाते में जा रही है।


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