रुपौली रेफरल अस्पताल में माँग को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का धरना

पूर्णियां /बालमुकुन्द यादव 

पूर्णियाँ: जिले के रुपौली रेफरल अस्पताल में मंगलवार को प्रखंड की आशा कार्यकर्ता संघ के आह्वान पर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चली गई है। जिससे बंध्याकरण पखवाड़ा सप्ताह, टीकाकरण, प्रसव व गर्भवती महिलाओं की जांच प्रभावित हो गया है। आशा कार्यकर्ता अस्पताल रुपौली के प्रांगण में बैठ कर नारेबाजी कर रही है। आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि आशा को आशा देकर निराश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक हजार पर सातों दिन 24 घंटे काम कराया जाता है। कई राष्ट्रीय कार्यक्रम में काम करा कर मानदेय नही दिया गया


आगे बताया कि हमें सरकार सरकारी कर्मी घोषित करें। साथ ही 10 हजार रुपया मानदेय दें ताकि हम अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारी नौ सूत्री मांग जब तक सरकार नहीं मानती है, हम काम पर नहीं लौटेंगे। आशा फेसिलिटेटर अनुराधा कुमारी ने बताया कि कोरोना के समय हम लोगों से काम कराया गया। जिस समय लोग घरो से निकलने में डरते थे। हम अपनी जान जोखिम में डालकर घर घर सर्वे का कार्य किया

ताकि सरकार की योजनाओं को पूरा करने के साथ लोगो को बचाया जा सके। आशा कार्यकर्ताओं की सजगता के कारण जच्चा बच्चा के मृत्यु दर में काफी अंतर आया है।  जिस पर सरकार अपना पीठ थपथपाने में लगी है। वही जो दिन रात धूप, बरसात व कड़कड़ाती ठंड में मेहनत किया। उसे उचित मजदूरी तक नहीं दिया जा रहा है।

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