बाढ़ निरोधात्मक कार्य में बरती जा रही है अनियमितता,ग्रामीणों में रोष

अमौर/सनोज

पूर्णियाँ: बिहार में सम्भावित बाढ़ के खतरे से गांव का कटाव रोकने के लिए जल संसाधन विभाग करोड़ो रूपये खर्च कर रहा है। लेकिन ठेकेदार के मनमानी से सरकार का करोड़ो रूपये मिट्टी में बर्बाद हो रहा है।बाढ़ से कटाव को रोकने के लिए सिमलबारी गांव में किये जा रहे कटाव रोधी कार्य मे भारी अनियमितता बरती जा रही है।जी हां अमौर प्रखंड सिमलबारी नगरा टोला अंतर्गत कनकई नदी के कटाव पर रोक को लेकर इस वर्ष भी कटाव रोधी कार्य हो रहा है, ग्रामीणों ने चल रहे बाढ़ निरोधात्मक कार्य में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया है। वही ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि अफरोज आलम को दी मौके पर अफरोज आलम ने पहुंचकर कार्य स्थल का जायजा लिया उन्होंने कहा कि बोरे में मिट्टी डाले जा रहे हैं जो गलत है उन्होंने विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया है कार्य गुणवत्तापूर्ण पूर्ण हो व समय से पहले हो


विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 45 लाख की लागत से एंटीरोजन का कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य में किनारे से बोरी में में बालू भरकर दिया जाना है, जहां इसके विपरित विभागीय कनीय अभियंता व संवेदक द्वारा इस काम में प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं कराए जाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो बाढ़ निरोधात्मक कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है। संवेदक द्वारा नियमों को ताक पर रखकर काम कराया जा रहा है। जिस वजह से पानी का दबाव बढ़ने पर कटाव होने का खतरा बना रहेगा। ग्रामीणों ने कहा कि विभाग के कनीय अभियंता से शिकायत किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है साथ ही बोरी में कम मात्रा में मिट्टी डालकर लगाया जा रहा है


ग्रामीणों ने लगातार  कार्य स्थल पर जाकर जियो बैग में मिट्टी भरे जाने का विरोध कर रहे हैं लेकिन ग्रामीणों की शिकायत पर विभागीय अधिकारी मौन साधे हुए है। ठेकेदार से विभागीय अभियंता एवं अधिकारी  मिले हुए हैं एवं भ्रष्टाचार में लिप्त होकर सरकारी पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं। ग्रामीणों के शिकायत पर अभियंता जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। बैग में बालू के जगह मिट्टी भरकर लगाया गया तो पानी मे मिट्टी बह जाएगा जिससे कटाव नहीं रुकेगा। बाढ़ से पूर्व कटाव निरोधक कार्यो में बड़े पैमाने पर धांधली बरते जाने से लोगों की मुसीबतें बढ़ने लगी है। पिलर निर्माण में घटिया सीमेंट तथा बालू से पिलर तैयार कर दिया गया है। इतना ही नहीं कार्य करने के दौरान न तो कोई बोर्ड लगाया गया।

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