मिशन -60 के तहत सदर अस्पतालों की बदल रही है व्यस्थता, आमजनों से मिल रही सुविधाएं

किशनगंज/इमरान हाशमी

बिहार सरकार के मिशन-60 के तहत जिले के सदर अस्पताल में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। साफ-सफाई के अलावा अस्पताल परिसर की तस्वीर बदली हुई दिख रही है। अस्पताल में पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है। इलाज के तौर-तरीकों में बदलाव आया है। जिला अस्पताल के सृदृढ़ीकरण को लेकर संचालित मिशन 60 दिवस के तहत हुए कार्यों का जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री द्वारा लगातार निरीक्षण व अनुश्रवण किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री ने बताया कि  जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग मिशन-60 के तहत सदर अस्पताल में सकारात्मक बदलाव करने को लेकर संकल्पित है। इस मिशन के तहत रंग-रोगन किए जाने से सदर अस्पताल के भवन अंदर से बाहर तक चकाचक हो गए हैं


मरीजों के लिए नई सुविधाएं बहाल की गई है। मरीजों व उनके स्वजनों  के बैठने के लिए ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में पर्याप्त जगह  की व्यवस्था की गई है। एसएनसीयू में भर्ती शिशु के मां के ठहरने व बैठने की भी व्यवस्था की जा रही है। ओपीडी में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है, जिसके माध्यम से मरीज एवं उनके स्वजनों  को डाक्टर व कर्मी की ड्यूटी की जानकारी मिलती है। इस डिस्प्ले बोर्ड से अन्य कार्यक्रमों की जानकारी भी उन्हें मिल रही है। अस्पताल भवन की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। अस्पताल परिसर में पार्किंग का भी निर्माण करवाया जाएगा। वार्ड, शौचालय, यूरिनल आदि की  मरम्मत की गयी  है। अस्पताल परिसर में बागवानी पर भी ध्यान दिया गया है और कई मेडीसनल प्लांट लगाए गए हैं। अस्पताल परिसर में हर सुविधा को बेहतर करने का प्रयास जारी है।कम हो गए रेफरल की संख्या सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि  मिशन-60 का ही नतीजा है कि सदर अस्पताल में प्रसव के मद्देनजर रेफरल मामलों की संख्या काफी कम हो गई। अब लगभग हर रोज यहां सिजेरियन ऑपरेशन हो रहे हैं। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया कि नवम्बर माह में कुल 657 प्रसव कराये गये हैं  जिसमें  से 26 सिजेरियन किए गए। इस माह अबतक लगभग 10 सिजेरियन हुए हैं| सदर अस्पताल में अब दलालों पर भी नकेल कसा जा रहा है। कोई मरीज व प्रसूता किसी दलाल के चंगुल में न फंसे, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है

इलाजरत मरीजों ने रखी अपनी राय

इलाज के लिए आये मरीजों और उनके स्वजनों ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सक व स्टॉफ का रवैया मरीजों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हुआ है। इलाजरत मरीज को बेहतर भोजन उपलब्ध हो रहा है। अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ ने अपनी सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं से से भी अवगत कराया। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने कहा कि अस्पताल में कार्यरत 8-10 चिकित्सकों की मदद से अस्पताल के 18 विभागों का संचालन चुनौतीपूर्ण है । विभागीय निर्देश के आलोक में अस्पताल में दो समय ओपीडी सुबह 09 बजे से दोपहर 02 बजे व शाम 5.30 से 6 बजे संचालित किया जा रहा है। रोगियों को अब तीन दिन के स्थान पर पांच दिन की दवा तथा मधुमेह व उच्च रक्तचाप सहित अन्य स्थायी बीमारियों के लिये एक बार में 30 दिन की, वहीं  गर्भवती महिलाओं को आईएफए व कैलशियम की पूरी खुराक एक मुश्त दी जा रही है 


सुविधाओं  की बेहतरी के लिये निर्धारित किये गये हैं 10 मानक

सिविल सर्जन ने बताया कि कुल 10 मानक निर्धारित किये गये हैं। इसमें अस्पतालों में “मे आई हेल्प यू डेस्क” का संचालन, ओपीडी निबंधन काउंटर पर मरीजों की सहायता के लिये हेल्पर का इंतजाम, अस्पताल के प्रतीक्षालय में अनुमानित औसत उपस्थिति के आधार पर लोगों के बैठने का इंतजाम, टेलीवीजन, पंखा, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सहित अन्य जरूरी इंतजाम किये गये हैं। 24 गुणा 7 मोड में रक्त अधिकोष के संचालन, डिस्पले की माध्मय से रक्त व कंपोनेंटर की उपलब्धता का सार्वजनिक प्रदर्शन, मेडिकल कचरा प्रबंधन का उचित इंतजाम, अस्पताल संक्रमण समिति का गठन व बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन के लिये कर्मियों को प्रशिक्षित करने की योजना को निर्धारित मानक में शामिल किया गया है।  अस्पताल भवन में जगह-जगह लगे अग्निशमन सिलेंडर का फिर से  फीलिंग करवाया गया है। मरीज एवं उनके स्वजनों  को कोई भी विभाग खोजने में दिक्कत न हो, इसके लिए हर जगह साईनेज बोर्ड लगाए गए हैं। अस्पताल में मिलनेवाली सभी चिकित्सा सुविधा मरीजों एवं स्वजनों को ससमय उपलब्ध हो सके, इसके लिए अस्पताल प्रबंधन लगातर प्रयास जारी है । कुल मिलाकर देखा जाय तो मरीजों के सुविधाओं में विस्तार होने से सदर अस्पताल बदला-बदला नजर आ रहा है।

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