रुपौली/विकास कुमार झा
पूर्णियाँ: रुपौली में खाद माफियाओं पर कृषि विभाग नाममात्र कार्यवाई कर रही है। कालाबाजारी का खाद मिलने के बाबजूद उपसर किसी प्रकार की बड़ी कार्यवाई नहीं कर रही है। खाद माफिया आलोक भगत पर थाने में एफआईआर दर्ज करने के बाद विभाग और पुलिस कान में तेल देकर सो गई है, वहीं आलोक भगत रात के अंधेरे में परिजनों की मदद से अभी भी खाद कालाबाजारी को अंजाम दे रहा है। एक तरफ प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ पूर्णिया प्रमंडल क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी रोकने हेतु अंतरजिला छापामारी दल का गठन किए हुए हैं।
वहीं दूसरी ओर पूर्णिया जिले के रुपौली प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में रात के अंधेरे में भागलपुर जिले के नवगछिया से खाद की कालाबाजारी जोर शोर से चल रहा है, वही जिम्मेदार अधिकारी अनजान बनें बैठे हैं।हो भी क्यों नहीं जब जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ही गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं तो निचले पदाधिकारी का किया कहना। वही बताया जाता है उर्वरक माफिया आलोक भगत पुलिस एवं कृषि विभाग और पुलिस के नजरों में फरार जरुर है, लेकिन उर्वरक माफिया आलोक का गुर्गों का फ़ौज लंबी है, उन्हीं गुर्गों के द्वारा मोहनपुर बाजार,बहुती बाजार,डोभा बाजार, लक्ष्मीपुर गिरधर पंचायत सहित बगल के भवानीपुर थाना क्षेत्र के लाठी गांव में अवैध खादों की सप्लाई रात के अंधेरे में खुलेआम की जा रही है।
जबकि सिटी हलचल टीम के द्वारा इस बात का खुलासा भी किया गया था, रुपौली प्रखंड क्षेत्र में यूरिया पांच से छः सौ रुपए बोड़ी यूरिया बिक रही हैं, वहीं डीएपी भी खुलेआम 1600 रुपए बैग बैचा जा रहा है, फिर भी विभाग उन दुकानदार पर कार्रवाई करने के बदले मेहरबान नजर आते हैं। वही आपको यह भी बताते चलें रुपौली प्रखंड क्षेत्र के कुछ लाइसेंसी उर्वरक विक्रेता भी अवैध उर्वरक कालाबाजारी में संलिप्त हैं, लेकिन विभाग उनका जांच नहीं करना चाहता है। अगर उन अवैध उर्वरक माफिया का कॉल डिटेल को खंगाला जाए तो रुपौली प्रखंड कृषि कार्यालय के दर्जनों कृषि सहलाकर, कृषि समन्वयक की भी भूमिका स्पष्ट हो जाएगी। जबकि रुपौली प्रखंड कृषि पदाधिकारी इस बात से अनजान बने रहते हैं। कृषि विभाग लाख दावे कर लें यूरिया 266.50 रुपए में ही मिलता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।