पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
पूर्णिया के बेटे केशव कुमार ने इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के साइंटिस्ट इंजीनियर के ग्रेड ए के प्रतियोगिता परीक्षा में अव्वल आकर जिले के साथ पुरे बिहार का मान बढाया है। उन्हें इसरो में वैज्ञानिक पद पर चयन किया गया है। उन्हें इसकी सूचना सोमवार को फोन के माध्यम से मिली। जिसके बाद मेल पर जवाईनिग लेटर भी मिला । बात दें कि रामनगर पूर्णिया निवासी मिथिलेश कुमार सिंह व कुंदन देवी का ज्येष्ठ पुत्र केशव कुमार बचपन से भी मेधावी और लगन शील था। केशव का बचपन से ही इंजीनियर होते हुए वैज्ञानिक बनने का सपना था। केशव ने बताया कि वह प्रारंभिक पढ़ाई पूर्णिया से ही किया। उन्होंने इंटर की पढ़ाई गुलाब चंद्र साह सर्वोदय महाविद्यालय रानीपतरा से की। जिसके बाद उन्होंने बेंगलुरु इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंन में स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर एवं आईआईटी पटना से वीएलएसआई डिजाइन से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त कर इंजीनियरिंग की है
उनके इस उपलब्धि से पुरे परिवार में ख़ुशी का माहोल है। वहीं केशव के पिता मिथिलेश कुमार सिंह पूर्णिया पूर्व प्रखंड के रानीपतरा स्थित उच्च विद्यालय चांदी रजीगंज में कार्यरत हैं। तथा माता कुंदन देवी भी शिक्षिका हैं। उनके पिता मिथिलेश कुमार सिंह से बातचीत में पता चला कि केशव बचपन से ही पढाई में बहुत मेधावी था । उन्होंने हमेशा किताब से ही प्रेम किया है। जिसका नतीजा आज हम लोगों को मिला। उन्होंने कहा कि आज मेरे बेटे ने अपने मां बाप का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। हम लोगों का एक सपना था की केशव साइंटिस्ट बन कर चांद पर पहुंचे, अब हम लोगों को विश्वास भी हो गया कि एक दिन जरूर वह चांद पर पहुंचेगा
केशव की इस बड़ी उपलब्धि को लेकर पूर्णिया एवं सीमांचल के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस उपलब्धि से केशव के परिवार में खुशी का माहौल है। वही केशव कुमार ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना वैज्ञानिक बनने का था उसके लिए उसके घर से उसके मम्मी,पापा, और भाई, बहन के साथ मामा (प्रवीण कुमार) का पूरा सपोर्ट मिला।वही उन्होंने बताया कि उनके मामाजी हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे
वही उन्होंने बताया कि घर का सपोर्ट और अपने मेहनत के बदौलत आज वह इस मुकाम पर हैं। वहीं उन्होंने बताया कि कुछ ही महीने पूर्व इंटेल में इंजीनियर के पद पर भी मुझे चयन किया गया था। जिसमें काफी बड़ा पैकेज भी मिला था । लेकिन मैं उसे छोड़कर अब देश सेवा के लिए इसरो के वैज्ञानिक के रूप में कार्य करूंगा और अपने क्षेत्र जिला व राज्य का नाम रोशन करुंगा।