रमेश अग्रवाल के आगे पूर्णियाँ जिला प्रशासन नतमस्तक

पूर्णियाँ/सिटीहलचल न्यूज़

सरकार ने बहुत सारे नियम कानून बनाये है, नियम के अनुपालन के लिए अधिकारी भी रखे है। मगर नियम तोड़ने वाले और नियम का अनुपालन करने वाले अधिकारी की मिलभगत से करोड़ो का न्यारा ब्यारा हो रहा है। जी हाँ हम बात कर रहे है शहर में बन रहे बिना नक्सा पास कराये अवैध मॉल, दुकान और होटलों की। नियम यह है कि जमीन किसी की भी हो मगर बिना नक्सा पास कराये किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं हो सकता है। यहाँ तक कि कोई सरकारी भवन ही क्यों न बने उसे नगर निगम से नक्सा पास कराना आवश्यक है। मगर शहर में संबंधित अधिकारियों के आँख के सामने जमीन फाउंडेशन से लेकर 6 7 मंजिल तक मकान बन गया मगर किसी ने कुछ नहीं किया


आरटीआई एक्टिविस्ट अखिलेश कुमार का कहना है कि निगम के अधिकारियों के मिली भगत से शहर के वार्ड 13, 14 और 22 में धरल्ले से बिना नक्सा पास कराये अभी भी दर्जनों जगह निर्माण हो रहा है, जिसपर निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है, यह सरासर भ्रष्टाचार का घोतक है। उन्होंने बताया कि पूर्णिया प्रमंडलीय आयुक्त के यहाँ से यह आदेश निकला हुआ है कि ऐसे मॉल, दुकान को जब्त करें और संबंधित अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाई करें। मगर कमिश्नर के आदेश का नगर आयुक्त द्वारा अनुपालन नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि अब इस संबंध में पूर्णिया जिलाधिकारी को प्रमंडलीय आयुक्त पूर्णिया प्रमंडल के कार्यालय से पत्रांक 209 दिनांक 23.03.22 निर्गत कर उनके द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करने का निर्देश किया गया है


वहीं जदयू नेता टुनटुन आलम का कहना है कि शहर में जितने भी अवैध रूप से मॉल दुकान बने है, सभी मे निगम के अधिकारियों का भी हिस्सा है। कार्यवाई न करने को लेकर एक 2 दुकान अधिकारियो ने लिया है। यहीं वजह है कि कमिश्नर कोर्ट के आदेश की अवहेलना नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा की गई।वहीं सिटी हलचल न्यूज़ की टीम ने जब इन जगहों का दौरा किया तो शहर के आर.एन. साव पैट्रोल पंप के पास धरल्ले से रमेश अग्रवाल द्वारा अवैध रूप से निर्माण किये जाने का पुख्ता प्रमाण भी मिला। वहीं इनकी हिमाकत तो देखे जब से अवैध निर्माण रोकने का आदेश हुआ है, तब से और युद्धस्तर पर निर्माण कार्य जोरो पर है। इनके द्वारा रोड पर बिल्डिंग मेटेरियल गिराकर खुलेआम अवैध निर्माण किया जा रहा है


मालूम हो कि इससे पूर्व रमेश अग्रवाल  के मॉल को जब्त करने का आदेश नगर निगम को दिया गया था, मगर नगर निगम आजतक कुछ भी रमेश अग्रवाल का बिगाड़ नहीं सकी। वहीं निगम क्षेत्र का अतिमहत्वपूर्ण सड़क डीलक्स होटल आर एन साव के किनारे बिल्डिंग मेटेरियल गिराकर सड़क भी अवरुद्ध किया गया, फिर भी नगर निगम चुप बैठी रही। यानी कौन ऐसा कानून नहीं है जिसकी धज्जी रमेश अग्रवाल द्वारा नहीं उड़ाई गई हो,फिर भी जिला प्रशासन रमेश अग्रवाल पर कोई करवाई नहीं कर रही है। अब यह समझ से पड़े है कि आखिर क्या वजह है कि पूर्णिया प्रशासन रमेश अग्रवाल के दबंगई के आगे नतमस्तक है?

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