बाल गृह के बच्चें ले रहे चित्रकला ,स्टेज क्राफ्ट और मैकअप का प्रशिक्षण

पूर्णिया से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट

पर्यवेक्षण गृह बाल सुधार गृह पूर्णिया में शाम की पाठशाला द्वारा चल रहे नाट्य संगीत कार्यशाला  के 10 वे दिन चित्रकला ,स्टेज क्राफ्ट और मैकअप विषयो की प्रशिक्षण शुरू हुई।जिसका प्रशिक्षण राष्ट्रीय पुरस्कृत चित्रकार किशोर कुमार उर्फ गुल्लू दा द्वारा दिया जा रहा हैं।गुल्लू दा ने पर्यवेक्षण गृह में रह रहे बच्चो के अंदर की प्रतिभा को देखते हुए उनसे "ओज गोज" करवाया गया, किये गए उस आकृति को एक चित्र के रूप में ढाल कर बच्चो को पेंटिंग के बारे में बताया की कैसे किसी तस्वीर को छोटे से बड़ा, और बड़ा से छोटा बनाया जायेगा, साथ ही जुट से बनाये जाने वाले कलाकृति की जानकारी दी गयी 


जिसमे संठी (santhi ) कला को बताते हुए उससे तैयार होने वाले हस्तशिल्प की जानकारी दी गयी,जिसमे हाथ से निर्मित राखी बनाने की बात बनाया गया बच्चे भी उत्सुकता से अपने द्वारा तैयार पेंटिंग को दिखाए गये,गुल्लु दा ने कहा कि शाम की पाठशाला का ये नाट्य संगीत कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण हैं, जिसमे बच्चो में एक सकरात्मक बदलाव आयेगा,और भविष्य में अच्छा करेंगे।वंही दूसरे सत्र में वरिष्ठ रंगकर्मी अजित कुमार सिंह बप्पा के निर्देशन में तैयार हो रहे नाटक को ले रिहर्सल लिया और नाट्य खेल कराते हुये बच्चो को ब्रह्नम का ज्ञान दिया, कैसे आप नाटक में अपने अलग अलग हाव भाव को अलग अलग समय पर बदल सकते हैं

साथ ही दूसरे दिन डॉ अखिलेश कुमार जायसवाल ने नाट्य शास्त्र के प्राचीन इतिहास एवं आधुनिक इतिहास की चर्चा की, और नाट्य लेखन में बच्चो को नये नये नाटक लिखने का होमवर्क भी दिया। और 

मौन उड़ा रे " वैज्ञानिक नाटक का परिचर्चा किया।

उड़े  उड़े  रे, मौन उड़े रे 

भवर पतिंगा हैं रे तीन ।।

नाट्य कार्यशाला में ई0 शशि रंजन कुमार, अजित कुमार सिंह, गुल्लु दा, संगीत शिक्षक विजय कुमार,गोपाल कुमार प्रोबेशन ऑफिसर, चन्दन कुमार हाउस फ़ादर, सुभाष कुमार परामर्शी और समस्त बच्चे उपस्थित थे।

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