दलित लड़की की संदिग्ध मौत को लेकर माले सहयोगियों ने निकाला विरोध मार्च

समस्तीपुर से संजय भारती की रिपोर्ट

समस्तीपुर में माले ने सहयोगियों के साथ गुरुवार को औरंगाबाद के रफीगंज में 6 दलित लड़कियों को जहर खाने और 4 की संदिग्ध मौत मामले की उच्च स्तरीय जांच कराओ , स्थानीय थानाध्यक्ष को निलंबित करो - दलित टोलों में आतंक का माहौल खत्म करो, सामंती जुल्म - उत्पीड़न और दलित महिलाओं के खिलाफ हिंसा का नाश हो आदि नारों के साथ गुरुवार  को शहर के अंबेडकर मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद ऐपवा, आइसा एवं माले के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला। सभी कार्यकर्ताओं ने अपने - अपने हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे कार्डबोर्ड , झंडे, बैनर लेकर जिला मुख्यालय का भ्रमण कर पुनः अंबेडकर स्थल पहुंचकर सभा का आयोजन किया। सभा की अध्यक्षता ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने किया। संचालन आइसा जिलाध्यक्ष लोकेश राज ने किया


जिला कमिटी सदस्य ललन कुमार , सुरेंद्र प्रसाद सिंह , फूलबाबू सिंह , उपेंद्र राय , सुनील कुमार , अनील चौधरी समेत महेश पासवान , अशोक राय , रेल कर्मचारी संतोष कुमार निराला , मनीषा कुमारी , प्रिति कुमारी , जानवी कुमारी , राजू झा , गंगा पासवान , रौशन कुमार , दीपक यदुवंशी आदि ने सभा को संबोधित करते हुए दलित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के लिए बिहार की नीतीश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को जमकर कोसां । सभा को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए माले जिला सचिव उमेश कुमार ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदानों में एक चर्चित योगदान है भारत के मजदूर वर्ग के लिए किए गए उनके कार्य, काम के घण्टे 12 से 8 करने , बिना किसी लैंगिक भेदभाव के समान काम का समान वेतन देने , ट्रेड यूनियनों को मान्यता देने , मजदूरों के लिए ईएसआई, पीएफ, जैसी सुविधाएं , महिला मजदूरों के लिए मातृत्व लाभ , वेतन के साथ अवकाश जैसे मजदूर वर्ग के अनेक अधिकारों को हासिल करने में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही


 आज इन सारे अधिकारों पर हमला पहले से भी कहीं ज्यादा है । वक्ताओं ने बताया कि मोदी सरकार में तो हालात ऐसे बन गए हैं जैसे ये सारे अधिकार किसी बीते जमाने की बातें हो । भारत का मजदूर वर्ग लड़ रहा है और बाबा साहब अम्बेडकर को उनकी जयंती पर याद कर रहा है । समस्तीपुर में ऐपवा , आइसा , माले के नेतृत्व में बाबा साहब की जयंती मनाई गई और अपने हक़ की लड़ाई को मजबूत करने का संकल्प लिया गया । बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 131वें जयंती पर आज देश का संविधान - लोकतंत्र - धर्मनिरपेक्षता - सामाजिक न्याय का मूल्य पर लगातार हो रहे हमलों से लहूलुहान है । वहीं माले नेता ने कहा आइये ! हम सब याद करें उन मुश्किल परिस्थितियों को जिसके बीच से अम्बेडकर ने रास्ते बनाये होंगे । वहीं से प्रेरणा ले कर लड़ने का संकल्प लें और आगे बढ़ें ।

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