मुरलीगंज संवाददाता
मधेपुरा : सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में सुमार सात निश्चय योजना के तहत संचालित नल जल योजना से पानी नहीं मिलने मिलने के वजह से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। करीब एक वर्ष पूर्व ही लोगों के घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए लाखों रुपए की लागत से गांव में नल जल योजना का स्ट्रक्चर बनाया गया। उसके बाद वार्ड के प्रत्येक घरों तक पाइपलाइन जोड़कर नल भी लगा दिया गया। बावजूद इसके अभी तक किसी एक भी लोगों को नल से निकले हुए एक भी बूंद जल नसीब नहीं हुआ है। शुद्ध पेयजल का सपना लोगों के लिए अभी तक अधूरा ही है। मामला गंगापुर पंचायत के गंगापुर वार्ड छह का है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर पर लगा नल सिर्फ शोभा की वस्तु बन कर रह गई है
ग्रामीणों ने बताया कि उनके घरों में करीब एक वर्ष से नल तो लगी है, लेकिन नल से जल निकलते नहीं देखा है। वे लोग या तो पानी खरीदकर या फिर चापाकल से निकला दूषित जल ही पीने को मजबूर है। बताया कि दो चार-महीने में कभी किसी दिन भूले-भटके भी किसी दिन पानी नहीं मिला है। गलती से अगर कभी आधा घंटा के लिए पानी दिया भी जाता है तो आयरनयुक्त गंदा पानी ही निकलता है जो पाइन योग्य नहीं होती है। वैसे तो सात निश्चय योजना के तहत संचालित नल जल योजना मुुरलीगंंज प्रखंड में कई स्थानों पर दम तोड़ रही है
आए दिन नल जल योजना से ग्रामीणों को पानी नहीं मिलने का मामला प्रकाश में आ रहा है। गृह स्वामी के अनुमति के बिना ही घरों में पानी के लिए जहां तहां नल लगा दिया गया है, जो कि निष्क्रिय अवस्था में है। ग्रामीणों का आरोप है कि नल-जल योजना में भारी लूट मची है। नल जल योजना के नाम पर लाखों रुपये पर पानी फेर दिया गया है। मामले में कनीय अभियंता विक्रांत कौशिक ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी।
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