राष्ट्र प्रेम जगाने के लिए विश्वविद्यालय में तिरंगा झंडा लगाने का अनुरोध



पूर्णियां से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट
पूर्णिया :
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सहमंत्री रवि गुप्ता ने कुलपति से मुलाकात कर के युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद एवं हर भारतीय के लिए आन बान शान भारतीय तिरंगा को स्थापित करने के लिए एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय स्थापना काल से ही किसी भी महापुरुषों की कोई भी प्रतिमा स्थापित नहीं किया गया है ऐसे में पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया को ऐसे महापुरुषों की के लिए सोचने की जरूरत है क्योंकि इन्हीं महापुरुषों के कारण छात्र-छात्राओं में बहुत से परिवर्तन देखने को मिलता है और उनसे कुछ सीखने के लिए भी जिससे कि चरित्र निर्माण भी होता है , वही अपने राष्ट्रीय तिरंगा को देखकर हर भारतीय को गर्व की अनुभूति होती है 

ऐसे में विश्वविद्यालय को एक ठोस पहल लेते हुए विश्वविद्यालय परिसर में डेढ़ सौ सीट का राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाए और वही युवाओं के प्रेरणा स्रोत की प्रतिमा स्थापित हुआ जो कि विश्व प्रख्यात है और हम भारतीयों के लिए गर्व की बात है । ऐसे में विश्वविद्यालय को हम युवाओं और छात्र छात्राओं के लिए एक ठोस पहल करते हुए कार्य करने की जरूरत है इस क्षेत्र में ऐसे महापुरुषों की जीवन से सीख लेने की जरूरत है क्योंकि उनके आदर्शों पर चलकर ही आज के युवा अपने आप में परिवर्तन ला सकते हैं क्योंकि आजकल के युवा नशीली पदार्थों के सेवन मैं डूबे हुए हैं और आय समय कुछ ना कुछ घटना कर रहे हैं ऐसे में किन महापुरुषों की प्रतिमा अगर लगी हुई होंगे तो उन लोगों में उत्सुकता होंगी उनको जानने में और उनके आदर्शों को अनुसरण करने के लिए संकल्पित होंगे

वही शोध छात्र निखिल कुमार ने कहा कि अगर पूर्णिया विश्वविद्यालय अपने परिसर में अगर तिरंगा झंडा के साथ स्वामी विवेकानंद जी का प्रतिमा स्थापना करता हैं तो इससे युवा पीढ़ियों में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होगा जिससे विश्विविद्यालय ही नही बल्कि नव समाज निर्माण के लिए सार्थक पहल होगा, साथ ही उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वर्तमान युवा पीढ़ी बुरी आदतों के शिकार हो रहे हैं उनमें कहि न कही इन महापुरुषों के विचारों का अभाव हैं जो शायद इन सकारात्मक पहल के साथ उनमे एक राष्ट्र प्रेम और समाजहित जैसे भावनाओं का विकाश हो पाएगा। इसलिए विश्विविद्यालय प्रशासन को ऐसे सकारात्म पहल को अनिवार्य समझ कर जल्द से जल्द स्थापना करनी चाहिए।जिससे अविभूत होकर इस क्षेत्र के युवा स्वामी विवेकानंद के पथ पर चलने के लिए अग्रसारित हो । इस मौके पर कुंदन कुमार नंदन भानु प्रताप जितेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।

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