गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट
गया: आज से पितृपक्ष का आरंभ हो गया है जिसके कारण देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु गया में श्राद्ध कर रहे हैं और फल्गु नदी में तर्पण कर रहे हैं। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम है हालांकि पिछले साल पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालु ना के बराबर आए थे। क्योंकि उस समय पूर्णतया लॉक डाउन था। पितृपक्ष के शुभारंभ पर श्रद्धालु फल्गु नदी में बैठकर अपने पुरखों के आत्मा की शांति के लिए पूरे विधि विधान के साथ पिंडदान और तर्पण कर रहे हैं
स्थानीय पंडा सुजीत कुमार मिश्रा कहते हैं कि ऐसी मान्यता है और वेद पुराणों में अंकित भी है कि कभी भगवान श्री राम अपने पिता राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए यहाँ पिंडदान किया था। उनके साथ माता सीता और लक्ष्मण जी भी यहां पधारे थे। मान्यता है कि गया फल्गु नदी में पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा की शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। यूं तो यहां सालों भर पिंडदान और तर्पण होता है लेकिन पितृपक्ष में इस धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व है। कहा यह भी जाता है कि जो श्रद्धालु यहां पिंडदान करने आते हैं, उनके पूर्वजों की आत्माएं पितृपक्ष के दौरान गयाजी तीर्थ में ही वास करते हैं। पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने और उनको याद करने का यह एक अनूठा धार्मिक परंपरा है।