अभ्यर्थियों ने नहीं दिया घुस में पैसा तो डीपीओ स्थापना के कर दिया नियोजन रद्द?

 


पूर्णियां से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट

पूर्णिया: के.नगर अंतर्गत विभिन्न पंचायतों में हुए प्रारंभिक शिक्षक नियोजन अफसरशाही की भेंट चढ़ गई है। नियोजित शिक्षकों का आरोप है कि घुस का पैसा न देने पर बिना कारण ठोस सबूत के, अपने पद का दुरुपयोग करते हुए डीपीओ (स्थापना) संजय कुमार रद्द करने की अनुशंसा कर दी है। जबकि अन्य पाधिकारियो के द्वारा दिये गए जाँच रिपोर्ट में नियोजन रोस्टर व नियम के अनुसार पाया गया है।आपको बता दे की चयनित अभ्यर्थियों का नाम NIC पोर्टल पर भी चढ़ा हुआ है साथ ही चयन के उपरांत सभी का सर्टिफिकेट भी जमा ले लिया गया। अब सवाल यह उठता है कि अगर चयन गलत तरीके से हुआ है तो सरकार के NIC पोर्टल पर चयनित अभ्यर्थियों का नाम कैसे चढ़ गया? वहीं दूसरी तरफ डीपीओ (स्थापना) चयनित अभ्यर्थियों का भी भविष्य बर्बाद करने में तुले है। नियम के मुताबिक अगर अभ्यथियों का चयन नहीं होता है तो उसे 15 दिन के अंदर बताने को कहा जाता है, ताकि वह दूसरे काउंसलिंग में भाग ले सके। मगर यहाँ डीपीओ संजय कुमार के द्वारा करीब 2 महीने बाद बताया जाता है कि चयन प्रक्रिया नियम के अनुसार नहीं हुआ है। ऐसे स्थिति मेअभ्यार्थी अब न घर के रहे न घाट के। वहीं चयन प्रक्रिया में क्या गड़बड़ी हुई है, इसका जवाब डीपीओ के पास नही है। सूत्र बताते है कि के.नगर के कोई जयकिशोर सर् नाम के ब्यक्ति के द्वारा चयन के बाद अधिकारियों को देने के लिए बार बार सभी से पैसा माँगा जा रहा था। नहीं देने पर नियोजन रद्द करने की धमकी भी दी जा रही थी


 वही दूसरी ओर डीईओ श्याम बाबू राम के बिना सहमति के शिक्षा विभाग पटना को नियोजन रद्द करने के लिए पत्र लिख दिया। इतना ही नहीं अपने लिखे पत्र में डीपीओ (स्थापना ) संजय कुमार ने यह लिख दिया कि इसमें डीईओ की भी सहमति है। बिना उच्च अधिकारी के सहमति से उनका नाम का इस्तेमाल करना यह बहुत बड़ा क्राइम है, जो डीपीओ संजय कुमार द्वारा किया गया है। इस बाबत डीईओ श्यामबाबू राम ने डीपीओ से शो कॉज भी किया है। जबकि डीईओ साहब को चाहिए था कि उसे निलंबित कर देना था? जिस तरह सारे नियम कानून को तक पर रखकर नियोजन को रद्द करने की अनुशंसा की गई है, इससे साफ तौर पर भ्रष्टाचार साबित हो रहा है।वही दूसरी ओर इसी मामले में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोपगुट) के राज्य सलाहकार - सह- पुर्णियां प्रमण्डल के प्रमण्डलीय संयोजक अरविंद कुमार सिंह के द्वारा लिखी गई चिट्ठी अब डीपीओ (स्थापना) संजय कुमार के लिए फास साबित हो रहा है। भ्रष्टाचार के इस खेल में जो जो अधिकारी शामिल है, उनपर अब गाज गिरनी तय है


श्री सिंह ने अपने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि संजय कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) शिक्षा विभाग पुर्णियां ने अपने पद एवं सरकार द्वारा प्रदत्त शक्तियों का भ्रष्ट दुरुपयोग कर अपने निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रखंड - के. नगर अन्तर्गत पंचायत नियोजन इकाई गौआसी, पोठिया रामपुर, झुन्नी इस्तम्बरार, रहुआ, बिठनौली पश्चिम, सहारा, काझा और गणेशपुर का दिनांक 12.07.2021 को प्रारंभिक शिक्षक नियोजन 2019-20 के प्रथम चरण में दावा एवं उपस्थिति के आधार पर काउंसिलिंग में चयनित अभ्यर्थियों के चयन को रद्द करने के लिए निदेशक (प्रा. शि.) शिक्षा विभाग बिहार पटना को अनुशंसित किया है जबकि चयनित अभ्यर्थियों के चयन सूची को NIC के पोर्टल पर अपलोड करते हुए सम्बन्धित सभी अभ्यर्थियों का मूल प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकार द्वारा जमा ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि निदेशक (प्रा. शि.) शिक्षा विभाग बिहार पटना का अधिसूचना संख्या 593/23.06.2021, अधिसूचना संख्या 594/23.06.2021, अधिसूचना संख्या 621/03.07.2021 एवं ज्ञापांक 762/29.07.2021 यथा- संशोधित ज्ञापांक 764/29.07.2021 के मुताबिक दिनांक 13.08.2021 तक होने वाला द्वितीय चरण के काउंसलिंग के पूर्व ही विसंगति पाये जाने पर काउंसिलिंग /चयन रद्द करने का निर्देश है, ताकि इस प्रकार का अभ्यर्थी द्वितीय चरण में भाग ले सके


यह जानते हुए कि उक्त 8 (आठ) पंचायतों के सभी चयनित अभ्यर्थियों की चयन सूची NIC के पोर्टल पर अपलोड है और मूल प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकार द्वारा ले लिया गया है, के बावजूद द्वितीय चरण के अंतिम काउंसलिंग तिथि 13.08.2021 के बाद दिनांक 21.08.2021 को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) पुर्णियां की अध्यक्षता में प्रारंभिक शिक्षक नियोजन 2019-20 के प्रथम चरण की काउंसलिंग से सम्बन्धित समीक्षात्मक बैठक करना, दिनांक 25.08.2021 को उक्त 8 (आठ) पंचायतों के चयनित अभ्यर्थियों का नाम चयन सूची से बाहर कर देना, दिनांक 27.08.2021 को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) पुर्णियां अपने कार्यालय पत्रांक 598/27.08.2021 के द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के चयन को रद्द करने के लिए निदेशक (प्रा. शि.) शिक्षा विभाग बिहार पटना को अनुसंशित करना, पत्रांक 598/27.08.2021 पर " उक्त प्रस्ताव पर जिला शिक्षा पदाधिकारी का सहमति प्राप्त है।" फर्जी अंकित कर विभाग और उच्चाधिकारियों के साथ छल करना, इनके भ्रष्ट आचरण, निजी स्वार्थ सिद्धि, मनमानेपन को सम्पुष्ट करने के लिए काफी है। इसके बावजूद भी श्री सिंह ने मीडिया के माध्यम से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) शिक्षा विभाग पुर्णियां को सुझाव देने के साथ साथ अनुरोध किया है कि पत्रांक 598 दिनांक 27.08.2021 को रद्द कर एक संशोधित पत्र निकाला जाय ताकि उक्त 8(आठ) पंचायतों के सभी चयनित अभ्यर्थियों का नाम प्रथम चरण के चयनित सूची में पूर्व की भांति शामिल रहे।

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