शहीदे आजम भगत सिंह की 114वी जयंती मनाई गई

पूर्णियां से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट

पूर्णियां :  भारत के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी शहीदे आजम भगत सिंह की 114 वी जयंती अंबेडकर सेवा सदन पूर्णिया में किसान सभा के जिलाध्यक्ष कामरेड इस्लामुद्दीन की अध्यक्षता में मनाई गई। इस अवसर पर जिले के विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के प्रबुद्ध जनों ने शहीद भगत सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके क्रांतिकारी विचारों पर चर्चा किया। इस अवसर पर उपस्थित बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी प्रोफेसर आलोक कुमार ने भगत सिंह को ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध विद्रोह करने वाले सबसे कम उम्र के अगुआ क्रांतिकारी बताया । प्रोफेसर आलोक ने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद भगत सिंह के सोच में गहरा प्रभाव पड़ा


लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ कर भगत सिंह आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी। लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केंद्रीय संसद में बम विस्फोट करके ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलंदी प्रदान किया। फलस्वरूप 23 मार्च 1931 को दो अन्य साथियों राजगुरु तथा सुखदेव के साथ अंग्रेजों के द्वारा फांसी पर लटका दिया गया। भारत मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष उमेश प्रसाद यादव ने शहीद भगत सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा की चौरी- चौरा हत्याकांड के बाद गांधी जी ने जब किसानों का साथ नहीं दिया तब भगत सिंह काफी निराश हुए । सशस्त्र क्रांति की घोषणा करते हुए चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में गठित गदर दल का हिस्सा बन गए। हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल होकर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति को आगे बढ़ाया

इस अवसर पर उपस्थित अंबेडकर सेवा सदन के अध्यक्ष जिन्नत लाल राम ने कहा नई पीढ़ी के युवाओं को शहीद भगत सिंह के क्रांतिकारी समाजवादी विचार को अपना कर पुनः भारत में सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन की लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा। कार्यक्रम में इंजीनियर रघुनंदन कामती , मुरली मनोहर यादव, निक्कू पासवान , सुमित सुमन , कॉ० तबारक हुसैन , योगेंद्र राम, दिनेश रजक, रंजीत पासवान आदि लोगों ने अपने -अपने विचार रखे। बुद्धिस्ट इंटरनेशनल के जिलाध्यक्ष शंभू प्रसाद दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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