सदर थाना क्षेत्र के नीलगंज कोठी में मां के अंतिम संस्कार करने के लिए बहन- भाई में हुआ तकरार

पूर्णियां पूर्व/राजेश यादव 

पूर्णिया पूर्व : मृत्यु के बाद उनके शव के साथ इतनी फजीहत होगी, यह उनकी मां कभी सपने में भी नहीं सोची होगी। ऐसा ही एक मामला रविवार को सदर थाना क्षेत्र के नीलगंज कोठी में देखने को मिला। जहां विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। उसके बाद शव को सतडोव लाया गया। उसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हुई। अंतिम संस्कार में मां के अनुरूप नहीं होने के कारण 4 संतान में से 3   संतान अनमने ढंग से सम्मिलित हुए। यहां बताते चलें कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र की रहने वाली बनारसी देवी का बीमारी के कारण शनिवार को दिन के 12 के आसपास देहांत हो गया था। यह देहांत मृतका की छोटी बेटी ससुराल सदर थाना क्षेत्र के नीलगंज कोठी में हुआ था। उसके बाद उन्होंने दोनों भाई और बहन को इसकी सूचना दी


सूचना के बाद रविवार को सभी वहां पहुंचे और नीलगंज कोठी में ही शव का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारी चलने लगी। इसी बीच वहां मृतका के छोटे बेटे दिलीप शर्मा अपने गांव के लगभग एक दर्जन महिला पुरुष को लेकर पहुंचा और अपनी मां बनारसी देवी को सतडोव ले जाकर अंतिम संस्कार करने की बात कहने लगा। जिसका समर्थन उनके साथ आए सभी लोग करने लगे। लेकिन मृतिका की छोटी बेटी, बड़ी बेटी और बड़ा भाई इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन सभी का कहना था कि मां जब बीमार थी, तो छोटी बहन ने ही 7 महीने तक उनका उल्टी, मल- मूत्र साफ सुथरा की है और मन कह रही थी कि उनकी छोटी बेटी ही उनका अंतिम संस्कार करेगी, इसीलिए जिद मत करो, यहीं पर उनका अंतिम संस्कार करने दो। परंतु छोटा भाई दिलीप शर्मा यह मानने को तैयार नहीं था, उनका कहना था कि मां सतडोव में रहती थी, वही उनका घर है, वहीं उनका अंतिम संस्कार भी होना चाहिए। तब दिलीप शर्मा को छोड़कर तीनों भाई-बहन कहने वालों कि जब मां को तुमने मारपीट कर भगा दिया था, तभी तुम्हारी मन नहीं थी

जब मर गई है तब तुम मन को अंतिम संस्कार के लिए खोज रहे हो, मां का अंतिम संस्कार यही होगा। मामले को बढ़ता देख दिलीप शर्मा के साथ आए सतडोव के लोगों ने इसकी जानकारी सदर थाना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची सदर थाना के एसआई परशुराम साह ने पहले पूरे मामले को समझा, उसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी मां जहां रहती थी, पहले वहां जाइए और वहीं अंतिम संस्कार कीजिए। इस पर तीनों भाई-बहन तैयार नहीं हो रहे थे, पुलिस थोड़ी शक्ति दिखाई और टेंपो पर शव को लदवा कर सतडोव भिजवा दिया गया। जहां छोटे भाई ने अंतिम संस्कार किया। इस दौरान तीनों भाई-बहन कह रहे थे कि पुलिस ने उनके साथ अन्याय किया है, जब तीनों भाई-बहन एकमत थे तो फिर किस परिस्थिति एक पक्षीय करते हुए सदर थाना पुलिस ने उनका अंतिम संस्कार करने के लिए शव दे दिया। हालांकि अंतिम संस्कार में अनमने ढंग से तीनों भाई- बहन भी सम्मिलित हुई।

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