पूर्णिया: पूर्णिया जिले के रेनू टीएलसी (ट्रेनिंग एंड लर्निंग सेंटर) में जीविका पूर्णिया के तहत पशु स्वास्थ्य एवं प्रबंधन चरण-2 विषयक प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंकित, वेटरिनरी ऑफिसर, आगा खान फाउंडेशन, के सहयोग से किया जा रहा है। प्रशिक्षण में कुल 25 पशु सखी दीदियाँ भाग ले रही हैं।जीविका पूर्णिया के लाइवस्टॉक यंग प्रोफेशनल सुमित कुमार ने जानकारी दी कि जिले के सभी प्रखंडों में कुल 400 प्रशिक्षित पशु सखियाँ सक्रिय हैं। इनका मुख्य उद्देश्य बकरी पालन को लाभकारी और व्यवस्थित बनाना है
पशु सखी दीदियाँ ग्राम संगठनों द्वारा चयनित की जाती हैं और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वे अपने क्षेत्र में महिला उद्यमी के रूप में कार्य करती हैं।पशु सखी दीदियाँ बकरी पालन से संबंधित सेवाएँ कम लागत पर प्रदान करती हैं। उनके प्रयासों से गरीब परिवारों को बकरी पालन के माध्यम से आय सृजन का साधन मिलता है। इसके साथ ही, ये महिलाएँ स्वयं को एक सफल महिला उद्यमी के रूप में स्थापित कर रही हैं
डॉ. अंकित ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम पशुपालन क्षेत्र में कौशल विकास और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने का एक बेहतरीन प्रयास हैं। इससे न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरती है, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलता है।"यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं के लिए बकरी पालन के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। उम्मीद है कि यह पहल जिले के पशुपालन क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी।