अस्पताल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होने से ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की परेशानी बढ़ी

 

धमदाहा/राज कन्हैया

पूर्णियां : ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होने के बाद मरीज का इलाज करने की व्यवस्था लागू होने के बाद से ग्रामीण क्षेत्र से आए एक दो मरीज आये दिन अस्पताल से बिना इलाज के ही लौट रहे हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन बिना मोबाइल के इलाज कराने के लिए अस्पताल आने वाले का वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कर इलाज करने की दावेदारी कर रही है। बावजूद इसके कई बार सुदूर क्षेत्र से आए मरीज काउंटर से ही घर वापस चले जाते हैं। शनिवार को धमदाहा प्रखंड के दमगड़ा गांव के 56 वर्षीय लक्ष्मी दास चक्कर देने तथा कमजोरी की शिकायत को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा आए थे जहां रजिस्ट्रेशन काउंटर पर आधार  दिखाने के बाद मोबाइल नहीं होने के कारण उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका तो वह घर वापस जाने लगे थे


हालांकि लक्ष्मीदास को अस्पताल प्रबंधन ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर ओपीडी में डॉक्टर से दिखवा दिया है। लेकिन अस्पताल परिसर में कई लोगों ने बताया कि आए दिन मोबाइल या आधारकार्ड नहीं होने के कारण लोगों को काउंटर से कई बार वापस जाना पड़ता हैं। भाव्या एप लागू होने के बाद से सुदूर क्षेत्र से आए मरीज को मोबाइल नहीं होने के कारण वापस जाना पड़ता है

इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि डॉक्टर या अस्पताल प्रबंधन के समक्ष बिना आधार या बिना मोबाइल के आनेवाले मरीज का वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर इलाज किया जाता है। परंतु भाव्या ऐप लागू होने के बाद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता बढ़ गई है। तो देखना अब यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई रास्ता निकाला जाता है या फिर ऐसे ही निराशा लेकर बिना इलाज करवाए मरीज अस्पताल से बेरंग लौटते रहेंगे।

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