पटना/सिटिहलचल न्यूज
प्रदर्शन की अनुमति न मिलने के बाबजूद पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में छात्र संसद बुलाना चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर को काफी महंगा पड़ा है। पटना पुलिस ने प्रशान्त किशोर पर एफआईआर दर्ज किया है। उन पर बीपीएससी अभ्यर्थियों को विरोध प्रदर्शन करने और मार्च निकालने के लिए उकसाने का आरोप लगा है। पटना के डीएम चंद्रशेऱखर सिंह ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रशांत किशोर के अलावा जनसुराज के प्रदेश अध्यक्ष और 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है
बता दे कि रविवार को पटना के जे.पी गोलम्बर पर बीपीएससी 70 की परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया फिर भी नहीं माने तो लाठीचार्ज किया। वहीं मुख्य सचिव ने छात्रों के पांच सदस्यो वाले प्रतिनिधि मण्डल को वार्ता के लिए बुलाया लेकिन आंदोलन कारी अभ्यर्थियों ने सिर्फ मुख्यमंत्री से ही वार्ता करने की शर्त रखी। करीब चार घंटे तक जेपी गोलंबर के साथ साथ पुरे पटना की ट्रेफिक ब्यवस्था अस्त व्यस्त रही। सुबह से ही गाधी मैदान मे धरना के समय से ही पटना के एसडीएम गौरव कुमार प्रदर्शन कारियों को समझते रहे की इस प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली गई है। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे प्रदर्शन कारी प्रशांत किशोर के साथ गाँधी मैदान से डाकबांग्ला की तरफ बढे, लेकिन जेपी गोलम्बर के पास प्रशासन ने उन्हें रोक लिया
इसके बाद एसडीएम ने उन्हें मुख्य सचिव से वार्ता करने को कहा। लेकिन सभी छात्र बैरेकेटिंग तोड़ कर आगे बढ़ने लगे। तैनात जवानों ने बल प्रयोग किया लेकिन अधिकारिर्यो ने जवानों को रोक दिया। इसके बाद प्रशांत किशोर को गिरफ्तार किये जाने की अफवाह फैली, लेकिन प्रशासन ने गिरफ़्तारी से इंकार किया।वही देर शाम तक प्रशांत किशोर गांधी मैदान मे जाकर गांधी मूर्ति के पास जाकर बैठे रहे। वही सिटी एसपी स्वीटी सहरावत और एसडीएम लगातार समझने की कोशिश करते रहे, लेकिन जब नहीं माने तो आठ बजे के करीब मौके पर वाटर कैनन को बुलाया गया और फिर लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान कई आंदोलनकारियों को हिरासत मे लिया गया है। वही कई जख़्मी हुए जिन्हे एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।