सुरसर नदी में अवैध बालू खनन, जिम्मेदार अधिकारी बेखबर

मुरलीगंज /सिटी हलचल न्यूज 

मधेपुरा :  मुरलीगंज प्रखंड के सुरसर बालवाहा नदी में इन दिनों अवैध बालू खनन की खबरें सामने आ रही हैं। भलनी घाट से जोर-शोर से हो रहे इस खनन को लेकर स्थानीय लोग विरोध दर्ज कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और संबंधित विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।सोमवार को करीब आधे दर्जन ट्रैक्टर और एक दर्जन मजदूरों की मदद से बालू निकाला जा रहा था, जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। इस दौरान कथित रूप से मौके पर मौजूद ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच कहासुनी भी हुई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बेरोक-टोक बालू खनन किया जा रहा है, और जब इस बारे में सवाल किया जाता है, तो ठेकेदार दावा करते हैं कि उन्हें जिले भर के घाटों का टेंडर मिला है और वे कहीं से भी बालू निकाल सकते हैं


ठेकेदार ने खुद को कुमारखंड प्रखंड के जुगल मल्लाह के रूप में पेश किया और कहा कि उसने 4 लाख रुपये में दो घाटों का ठेका लिया है। हालांकि, जब इस मामले में कागजात और चालान की मांग की गई, तो ठेकेदार किसी भी प्रमाण को दिखाने में असमर्थ रहा। इस पर जब सहरसा के ठेकेदार अभिषेक सिंह से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने मामले पर सफाई देने से बचते हुए दो-चार दिन बाद मिलकर जानकारी देने का आश्वासन दिया।मुरलीगंज थाना अध्यक्ष और अंचल अधिकारी से भी इस अवैध खनन के बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने भी इस बात की जानकारी न होने की बात कही


इस मामले पर जिला खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने बताया कि जिन घाटों को चिन्हित किया गया है, उनका टेंडर किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुरलीगंज के रामपुर, भलनी और आसपास के घाटों का टेंडर नहीं हुआ है, और यदि यहां खनन हो रहा है, तो यह पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने मामले की जांच की बात कही और दोषियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी।इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है, और इस पर गंभीर कार्रवाई की आवश्यकता है।

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