किशनगंज /तौसीफ आलम
किशनगंज: ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने और गृह प्रसव की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान के तहत जिले के सभी प्रखंड में प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, जीविका, आईसीडीएस, पंचायती राज संस्थान, पंचायत सचिव, और पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। विदित हो कि हाल ही में हुई मासिक समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी श्री विशाल राज ने कहा था, "गृह प्रसव को समाप्त करना और सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हम हर गांव को गृह प्रसव मुक्त पंचायत बनाने के लिए सभी विभागों के साथ मिलकर काम करेंगे। आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी महिला घर पर प्रसव न करे और अस्पताल की सुविधाओं का लाभ उठाए। बीडीओ ने बताया कि जिला पदाधिकारी के द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर समन्वय स्थापित कर गृह प्रसव मुक्त पंचायत का लक्ष्य प्राप्त किया जाए। उसी के आलोक में बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और सहयोग की दिशा में ठोस कदम उठाने पर जोर दी गई
संस्थागत प्रसव के लिए सामुदायिक जागरूकता: -
प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में सभी स्वास्थ्य विभाग, जीविका और आईसीडीएस की टीमों को गांव-गांव जाकर गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों को संस्थागत प्रसव के फायदों के बारे में जागरूक करने का निर्देश दिया गया। आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, ताकि हर परिवार तक यह जानकारी पहुंच सके और घर पर प्रसव की घटनाओं को रोका जा सके।
जिला पदाधिकारी के आदेश के पालन पर जोर:
बैठक में डीएम द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने कहा था कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी महिला घर पर प्रसव न करें। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित निगरानी रखने और गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है
विभागीय सहयोग और समन्वय: -
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग, जीविका, आईसीडीएस और पंचायती राज संस्थान (PRI) ने एकजुट होकर इस अभियान में योगदान देने का संकल्प लिया। सभी विभागों ने मिलकर काम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से योजना बनाई। आईसीडीएस की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं की जानकारी साझा करेंगी और उन्हें अस्पताल में प्रसव के लिए प्रेरित करेंगी।
महिलाओं की आर्थिक मदद: -
जीविका समूह के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने में मदद की जाएगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना और अन्य योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे
समुदाय का सहयोग:-
पंचायती राज संस्थान (PRI) के सदस्य और ग्राम सचिवों ने ग्रामीण समुदाय में संस्थागत प्रसव के प्रति जागरूकता फैलाने का आश्वासन दिया। गांवों में आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं और अन्य कार्यक्रमों के जरिए संस्थागत प्रसव के महत्व पर चर्चा की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचने की सुविधा मिले। वही पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई। उनकी टीम गांवों में जाकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष सत्र आयोजित करेगी और ग्रामीणों को आवश्यक जानकारी प्रदान करेगी।गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों का सहयोग आवश्यक है । प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बैठक के अंत में कहा, "गृह प्रसव मुक्त पंचायत अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों का सहयोग आवश्यक है। हम संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएंगे ताकि किसी भी महिला को घर पर प्रसव करने के लिए मजबूर न होना पड़े।" बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने गृह प्रसव मुक्त पंचायत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया और इस दिशा में हरसंभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई।
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