*बिहार में अजूबा... पानी के बीचों बीच सरकारी सामुदायिक शौचालय*



पूर्णियाँ/राजेश यादव

बिहार में आये दिन भ्रष्टाचार का नया नया नमूना देखने को मिलता रहता है। कहीं करोड़ो की लागत से बनता हुआ पुल धाराशाही हो जाता है तो कहीं बीच खेत में लाखों की लागत से पुल का निर्माण कर दिया जाता है, जिसका कोई कनेक्टिविटी नहीं होता है। तो कही पानी का बहाव सड़क को ही लेके निकल पड़ता है। यू कहे तो सरकारी बाबू मालामाल तो जनता कंगाल, करोड़ों की योजना हो या लाखो की योजना, बस धरातल पर दिख जाता है, मगर इसका जनता कितना फायदा उठाती है, यह धरातल पर जाने पर ही पता चलता है। 


ऐसा ही एक नमूना बिहार के पूर्णिया जिले के पूर्णिया पूर्व प्रखंड के विक्रमपुर पंचायत वार्ड नंबर 7 राजाबारी महादलित टोला में देखने को मिला, जहां लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत वर्ष 2020-21 में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। निर्माण तो कराया गया पर इसका वर्तमान स्थिति को देखकर आप भी सोचेंगे कि जनता इसका कितना लाभ लेती होगा। दरअसल यह सामुदायिक शौचालय चारों ओर से पानी में डूबा रहता है, जिस कारण यह सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई हैं। 3 लाख की लागत से बना यह सामुदायिक शौचालय महादलित को खुले में शौच करता देख सरकार ने महादलित टोला में बनवाया था। ताकि कोई भी महादलित खुले में शौच न करें। मगर आनन फानन में शौचालय का निर्माण गड्ढे पर कर दिया गया जहाँ 6-7 महीना पानी जमा रहता है। अभी घुटने भर पानी शौचालय के चारों ओर जमा है और जंगल से घिरे रहने के कारण किसी भी लाभुक को लाभ नहीं मिल पा रहा है। 

हल्की सी बारिश होने पर गड्ढे में पानी जमा हो जाता है। सरकार को चाहिए था कि या तो ऊँचे स्थान में या फिर गड्ढे को भरकर शौचालय बनाना चाहिए था।

अगर गड्ढे में मिट्टी भरकर ऊंचा करके शौचालय बनाया जाता तो इसका लाभ महादलित टोला में रहने वाले लोगों को सालों भर मिलता रहता। पानी और जंगल रहने के कारण विषधर सांपों का खतरा हमेशा बना रहता है। जिसके डर से लाभुक सार्वजनिक शौचालय में नहीं जा पाते हैं। आज भी इस टोले के महादलित खुले में शौच करने को विवश है। लोहिया स्वच्छता अभियान से जुड़े अधिकारी, अभिकर्ता की मिली भगत से योजना की राशि का बंदर बाट कर गड्ढे में शौचालय का निर्माण कराया गया है। इस संबंध में विक्रमपुर पंचायत के मुखिया डोमन राम ने बताया की प्राक्कलन में बाहर से मिट्टी लाकर देने का प्रावधान नहीं था। इसलिए पूर्व के चयनित स्थल गड्ढे में ही सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित आनंद ने बताया कि हमारे आने से पहले सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। देखने के बाद, मुखिया को बोला गया है अभिलंब योजना बनाकर मिट्टी सहित 

एप्रोच पथ का निर्माण कराऐ।

बरहाल ये एकलौता अजूबा नही है अगर संबंधित अधिकारी सभी पंचायत की योजना का जांच ठीक तरीके से करे तो ऐसे ऐसे कई योजना मिल जाएगा जिससे सरकारी बाबू और कई सफेदपोश भ्रष्टाचार की गोता में डुबकी लगाते नजर आएंगे।

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