मधेपुरा सिटी हलचल संवाददाता
बिहार पान महादलित कोऑर्डिनेशन कमिटी पटना के आह्वान पर आगामी 1 अक्टूबर 2024 को एक दिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की तैयारी के सिलसिले में मधेपुरा सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान बताया गया कि बिहार एवं केंद्र की अनुसूचित जाति की सूची में शामिल पान जाति को 1 जुलाई 2015 से अनुसूचित जाति के तहत आरक्षण की सुविधा प्रदान की गई थी। लेकिन 9 वर्षों बाद, अन्य वर्गों द्वारा दाखिल अपील के आधार पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 15 जुलाई 2024 को पान जाति से आरक्षण वापस लेने का आदेश दिया, जिसके बाद बिहार सरकार ने भी इस आदेश के आलोक में आरक्षण वापसी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
इस आदेश से पान समाज के भविष्य पर गहरा संकट मंडरा रहा है। इस समाज के होनहार बच्चे, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के बावजूद, मेरिट लिस्ट से बाहर हो रहे हैं। पान जाति के लोग अब तक किसी भी उच्च सरकारी ओहदे पर पदासीन नहीं हो पाए हैं और ना ही किसी विधायक या सांसद के रूप में सदन में उनका प्रतिनिधित्व हुआ है। सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक रूप से पिछड़ा यह समाज आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है। छुआछूत के दायरे में आने वाले इस समाज के लोग स्वतंत्रता के 78 वर्षों बाद भी अपने अधिकारों और विकास के लिए संघर्षरत हैं।आरक्षण पुनः बहाल करने की मांग को लेकर आगामी 1 अक्टूबर को मधेपुरा के कला भवन में एक ऐतिहासिक और विशाल धरना का आयोजन किया जाएगा। इस धरना कार्यक्रम के माध्यम से समाज में जन जागरूकता फैलाई जाएगी और पान समाज अपने हक और अधिकारों के लिए आवाज उठाएगा।इस प्रेस वार्ता के दौरान दलित आयोग के पूर्व सदस्य कांत लाल शर्मा,जिला परिषद उपाध्यक्ष रघुनंदन दास,महंत श्री सुखदेव दास जी महाराज, रजनी पंचायत की मुखिया अनिता कुमारी, मुखिया प्रतिनिधि राजीव राजा, पंचायत समिति सदस्य बबलू कुमार, ज्ञान सागर दास, अभिनंदन दास, नंदन कुमार मुखिया, संतोष कुमार, और गुलाबचंद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।