अधिवक्ता विचार मंच के द्वारा संविधान दिवस मनाया गया

 


पूर्णियाँ/सिटिहलचल न्यूज़

 व्यवहार न्यायालय स्थित मुख्तरखाना में अधिवक्ता विचार मंच के द्वारा संविधान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार दीपक ने की जबकि मंच का संचालन अधिवक्ता अरुण भास्कर उर्फ गौतम वर्मा ने किया। इस अवसर पर अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक ने भारतीय संविधान को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और लिखित संविधान बताया उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में प्रस्तावना भारत की आत्मा है आज संविधान दिवस पर यह शपथ लेने की आवश्यकता है की इसकी रक्षा और इसे सुसज्जित तरीके से रखा जा सके। अधिवक्ता गौतम वर्मा ने कहा संविधान की विशेषता यह है कि लिखित एवं निर्मित संविधान है एक लंबा प्रलेख है। संसदीय शासन प्रणाली है लोकप्रिय संप्रभुता पर आधारित है एकल नागरिकता धर्मनिरपेक्ष राज्य मौलिक अधिकार और कर्तव्य राज्य के नीति निर्देशक तत्व विकास मताधिकार लोक कल्याणकारी संविधान है विधि का शासन इत्यादि महत्वपूर्ण स्रोत है। अधिवक्ता राजकुमार जाने भारतीय संविधान को ग्रंथ की संज्ञा देते हुए कहा की संविधान के प्रस्तावना में संवैधानिक स्रोतों की झलक है साथ ही शासन व्यवस्था का वर्णन संपूर्ण प्रभु संपन्न धाननिरपेक्ष समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य आदि शब्दों को लेकर किया गया है। अधिवक्ता सुशील चंद्र झा ने कहा कि संविधान के प्रस्तावना में शासन व्यवस्था को सर्वसाधारण के लिए सब साधारण का तथा सब साधारण द्वारा संचालित माना गया है।


अधिवक्ता मोहम्मद मुस्ताक आलम ने भारतीय संविधान का प्रस्तावना सबसे मूल्यवान अंग है, यह संविधान की आत्मा है या संविधान की कुंजी है यह संविधान में गड़ा हुआ एक रतन है। अधिवक्ता परवीन पासवान ने कहा कि देश के संविधान पर हम अपने को गर्भ महसूस करते हैं जो एक दार्शनिक ग्रंथ है जिसे दुनिया के लोग भी संविधान को देखते हैं और उसका अध्ययन करते हैं। अधिवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया का एक ऐसा अद्वितीय ग्रंथ है जिसे पढ़ने पर उसके महत्व को समझा जा सकता है। अधिवक्ता मोहम्मद अलीमुद्दीन ने कहा भारतीय संविधान को जिन महानुभावों ने बनाने का काम किया देश के लोगों को उनके प्रति शीश झुका कर नमन करना चाहिए।

अधिवक्ता अरुण कुमार यादव ने भारतीय संविधान को देश का धरोहर बताया और कहा कि इसकी रक्षा करना हम लोगों का परम कर्तव्य है। अधिवक्ता संजीव कुमार सिन्हा ने धन्यवाद देते हुए कहा कि भारतीय संविधान पर आज हम अपने को गोर्बान्वित महसूस करते हैं और इसकी रक्षा करना और इसे एक ग्रंथ के रूप में मानना और सम्मान देना हम लोगों का कर्तव्य है और इस कार्यक्रम के लिए अधिकता प्रचार मंच साधुवाद के पात्र है जिन्होंने प्रत्येक वर्ष इस तरह का आयोजन कर संविधान के प्रति निष्ठा और आस्था बनाए रखने का काम करती है।

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