विद्यालय प्रधान वार्ड पार्षद को नहीं मानते शिक्षा समिति के अध्यक्ष

 


मीरगंज/रौशन राही

पूर्णियाँ: बिहार में राज्यसरकार के नियमों के अनुसार सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक हर माह करनी है । इससे विद्यालय की गतिविधि शुचारु रूप से चलता है । शिक्षा समिति के अध्यक्ष ,सचिव एवं सदस्यों व छात्रों के बीच जब विद्यालय के महीने भर की समीक्षा होती है तो इसमें अच्छे योगदान देने वाले शिक्षकों का गुणगान होता है वहीं उत्तरदायित्वविहीन शिक्षकों की आलोचना होती है । इस प्रकार विद्यालय में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ साथ गुणवत्तापूर्ण भोजन व विकास कार्य सम्भव हो जाते हैं । बिहार के 90% विद्यालयो में शिक्षा समिति की बैठक विद्यालय प्रधान द्वारा नहीं करने से आज सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव पाया जाता है । बताते चले कि राज्य सरकार जितना खर्च देकर सरकारी विद्यालयों का संचालन करती है शायद एक विद्यालय की खर्च में दस प्राइवेट स्कूल चल सकते हैं । वहीं नगर पंचायत मीरगंज के समाजसेवी सह उप मुख्य पार्षद जय प्रकाश पासवान का मानना है यदि सभी विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक होने लगे तो सरकारी विद्यालयों में जीडी गोयनका, विद्या विहार जैसी पढ़ाई होने लगेगी 


अब बात करें खेदलीचक  गांव की तो यह नगर पंचायत मीरगंज के वार्ड नं-03 में पड़ता है । ओर इस वार्ड से युवा प्रत्याशी के रूप में नीरज कुमार पासवान वार्ड पार्षद में विजयी हुए और प्रमाण पत्र पाया 8 माह बीत जाने के बावजूद पोषक क्षेत्र के विद्यालय द्वारा उन्हें अध्यक्ष मानने से यह कहकर इनकार करता है कि आपके अध्यक्ष होने का कोई चिट्ठी विभाग से नहीं मिली है । यह बात वार्ड पार्षद ने वीडियो रिकॉर्ड कहा है । हालांकि इसमें पोषक क्षेत्र के विद्यालय के प्रभारी को पुनः शिक्षा समिति की बैठक कर अध्यक्ष का दायित्व नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद को देकर प्रत्येक माह शिक्षा समिति की बैठक करना है । परन्तु अधिकांश शिक्षक इस बात से परहेज करते हैं । इसलिए के. के. पाठक द्वारा नया नियम लाया गया है कि विद्यालय के समय यानी कि 10-4 कोचिंग बंद रहेंगे, जिससे सरकारी विद्यालयों का भरपूर फायदा छात्र उठा पाएंगे । यदि अच्छी पढ़ाई नहीं मिली तो स्कूल व शिक्षक का पोल खुलेंगें । वार्ड पार्षद नीरज कुमार पासवान शसक्त कमिटी के स्थायी सदस्य भी हैं उन्होंने ओन कैमरा कहा कि खेदलीचक में स्कूल के लिए जमीन नहीं था

उनके ही रिश्तेदार देवनारायण पासवान 20 वर्ष पूर्व 10 कट्ठा जमीन दान यह सोचकर दिया कि महादलित पिछड़ो के बच्चे पढ़ लिखकर बड़े-बड़े ऑफ़सर बनेंगे परन्तु उनका सपना-सपना ही रह गया । साथ ही बताया को लोकडाउन से पहले और अब तक कभी शिक्षा समिति की बैठक ही नहीं हुई । जिससे शिक्षकों के पर्याप्त होने के बावजूद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव पाया जाता है । वार्ड पार्षद ने यह भी कहा कि इस वर्ष विद्यालय में डेंटिंग पेंटिंग नहीं हुई है । विकास की राशि का खर्च बिजली वायरिंग का हवाला दिया जा रहा है । जबकि पूर्व से वायरिंग है । इस सम्बंध में जिला पार्षद सह जिला शिक्षा समिति के अध्यक्ष पुष्कर कुमार ने बताया कि विद्यालय की जाँच कर मौजूद समस्या दूर किया जाएगा । वहीं एसडीएम राजीव कुमार ने बताया कि    नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद विद्यालय के अध्यक्ष होंगें । लिखित शिकायत मिलने पर विधिसम्मत करवायी होगी ।

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