अखबार के पन्नों में ही सिमट कर रह गया स्वच्छता अभियान

धमदाहा/रितेश राज

पूर्णियाँ: धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र में स्वच्छता अभियान मखौल बन कर रह गया. हलांकि बीते वर्ष में पूरे अनुमंडल सह प्रखंड मुख्यालय में जोर शोर से स्वच्छता अभियान चलाया गया. स्वच्छता के इस मुहीम में अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक शामिल हुए थे. लेकिन इनके स्वच्छता अभियान का मकसद बस अखबारों के पन्नों में फ्रेमिंग होना था. जबकि गंदगी की अगर बात करें तो, अभी भी पूरे मुख्यालय का हाल जस का तस है. लगभग सभी जगहों पर गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा हैं. इसका सबसे जीता जागता उदाहरण है पुराने बी.एन.सी कॉलेज का हाता है. लेकिन इस तरफ कभी किसी अधिकारियों की आजतक नजर नहीं पड़ती है. जबकि इसके बारे में कई बार अख़बारों में खबर प्रकाशित किया जा चुका है. समाजसेवी रंजन सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान सिर्फ दिखावे के लिए है. लेकिन धरातल पर इसका प्रतिफल कहीं भी देखने को नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि हाथ में झाडू पकड़कर साफ जगहों पर झाड़ू लगा देने से स्वच्छता अभियान कभी सफल नहीं होगा. बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक को प्रतिबद्ध होकर अपने आसपास के इलाकों को साफ करना होगा. तभी स्वच्छता अभियान सफल होने की गुंजाइश है


हाट और क्रीड़ा मैदान बना है गंदगी का पर्याय.

धमदाहा हाट में साफ सफाई के नाम पर कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है. कहीं कचड़े का अंबार है, तो कहीं दुकानदारों द्वारा छोड़े गए मुर्गा और बकरे का का अवशेष दिखाई देता है. जिसका दुर्गंध आसपास के लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. इस कारण हाट के दिन अधिकांशतः दुकानदार मुख्य सड़क के किनारे ही बैठकर ही अपनी दुकान चलाते हैं. जिसकारण हाट के दिन राहगीरों और यतायात के आवागमन में भी काफी कठिनाई होती है. उच्च विद्यालय के क्रीड़ा मैदान में आमतौर पर जब किसी भी प्रकार के कार्यक्रम या खेल का आयोजन होता है, तो उस समय अपने अपने जरूरत के हिसाब से लोग मैदान की साफ सफाई करवाते हैं. लेकिन बाद में इस मैदान को स्थानीय बाजार के दुकानदार शौचालय के रूप में इस्तेमाल करते हैं. जबकि सुबह सुबह लोग इस मैदान में टहलने के लिए भी आया करते थे. लेकिन गंदगी के वजह से लोगों ने मैदान में अब टहलना भी बंद कर दिया है


बाजार के इर्द-गिर्द भी पसरी है दुर्गन्ध भरी गंदगी.

महावीर मंदिर के उल्टे साइड पुराने बएनसी कॉलेज के प्रांगण के मुख्य द्वार पर इतनी गंदगी फैली है कि लोगों को उल्टियां हो जाए. आसपास के दुकानदारों द्वारा फेंका गया कचड़ा यहां दुर्गंध का कारण बना हुआ है.बैंक के बगल से गुजरने से पहले अपने नाक पर रुमाल रखते हैं. यही हाल धमदाहा उत्तर की सड़क का है. जहां हल्कि बारिश में सड़क की स्थिति नरकीय हो जाती है. नाले होने के बावजूद घुटने तक पानी निश्चित रूप से लग जाता है. इस कीचड़ में चलना स्थानीय लोगों की मजबूरी हो जाती है. शेष रही- सही कसर स्थानीय दुकानदार सड़क पर गंदे पानी और कचड़ा फेंक कर पूरी कर देते हैं. दुकानदार द्वारा सड़क पर फेंके गये पानी से कई बार सड़क पर चलने वाले यात्री पानी पर फिसलने के कारण गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं.

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