पटना : संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार किसान एवं किसान प्रतिनिधि की बैठक गांधी मूर्ति,गांधी मैदान पटना में हुई। वक्ताओं ने कहा है कि किसान आंदोलन को तेज किया जाएगा गांधी मैदान में किसानों का होगा महा जुटान, बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की 3 जुलाई 2023 को गर्दानीबाग पटना में होगा महा धरना सरकार को दिया जाएगा ज्ञापन । आगे वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल जहां एक ओर चरम कॉरपोरेट लूट, समाज में अमन-चैन को भंग कर सांप्रदायिक उन्माद व नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने वाला रहा है, वहीं दूसरी ओर आम जनता के लिए बर्बादी और तबाही के साल साबित हुए हैं। बिहार में कालाबाजारी भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। ₹266 का खाद का ₹500 मैं किसान खरीदने को मजबूर किया जाता है।आज देश चरम बेरोजगारी और कमरतोड़ महंगाई के दौर से गुजर रहा है. संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग लगातार जारी है। किसानों की आय दुगुनी करने का वादा था लेकिन उनके साथ लगातार विश्वासघात ही हो रहा है। एमएसपी पर कानून बनाने से सरकार भाग खड़ी हुई है। दलित-गरीबों की आवास एवं खाद्यान्न योजना को बंद करने की लगातार साजिशें चल रही हैं. लोकतंत्र व संविधान खतरे में है.नोटबंदी की मार हो या फिर कोविड काल की भयावह पीड़ा, देश की जनता आजादी के 75 सालों में सबसे गंभीर दौर से गुजर रही है।आगे कहा कि नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं को नकारते हुए एक राजा के राजतंत्र की तरह राज्याभिषेक की तरह उद्घाटन कर रहे थे, ठीक उसी समय बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न का विरोध कर रही महिला पहलवानों को दिल्ली के संसद मार्ग से पुलिस ने बहुत बेदर्दी से घसीटते हुए उन सभी लोगों को गिरफ्तार किया।28 मई को मोदी सरकार संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य के मौलिक सिद्धांतों की पूरी तरह से विरोधी होने के रूप में सामने आ गई है. ऐसी सरकार को आने वाले चुनावों में सत्ता से बाहर कर देना ही देश की जनता और सभी लोकतंत्र व अमन पसंद नागरिकों का अब पहला कार्य होने चाहिए
मांगपत्र
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी की गारंटी किया जाए। केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित समिति को रद्द कर, एसकेएम के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए, सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए एमएसपी पर एक नई समिति को गठित किया जाए। किसानों और मजदूरों को सभी तरह के कर्ज से मुक्त किया जाए। उर्वरक सहित कृषि लागत कीमतों को कम किया जाए।बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए। किसानों को कृषि कार्य सिंचाई लिए बिजली मुफ्त दिया जाए।लखिमपुर खेरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कर गिरफ्तार किया जाए। लखिमपुर में शहीद और घायल हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान किया जाए।सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए ₹5,000 प्रति माह की किसान पेंशन योजना को तुरंत लागू किया जाए।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए फर्जी मामले तुरंत वापस लिए जाए। किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।बिहार में एपीएमसी अधिनियम को पुनः बहाल किया जाए, और कृषि मंडी को चालू किया जाए
धान, गेहूँ, मक्का, फल, सब्जी, मखाना, मछली, मुर्गी, सहित सभी कृषि उत्पाद की एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी की जाए। फल एवं सब्जी के रखरखाव हेतु सभी जिलों में कोल्ड स्टोरेज बनाया जाए।किसानों को अनुदानित दर और उचित समय पर, पर्याप्त मात्रा में, उर्वरक, उन्नत बीज, कीटनाशक एवं अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध किया जाए, कालाबाजारी पर पूर्णता रोक लगाई जाए। बिहार में बंद परे सभी चीनी मिलों को पुनः चालू किया जाए। चीनी मिलों पर किसानों की बकाया राशि का ब्याज सहित अविलम्ब भुगतान किया जाए। गन्ना के उत्पादन में लागत मूल्य की वृद्धि के मद्देनजर तत्काल गन्ने का खरीद मूल्य ₹ 500 प्रति क्विंटल किया जाए।दुग्ध उत्पादकों को ₹10 प्रति लीटर सरकारी अनुदान सुनिश्चित किया जाए। दुध और दुध उत्पादों के आयात पर रोक लगाया जाए।बाढ़, सुखाड़, जल-जमाव की समस्या को कोसी के स्थायी समाधान के लिए ठोस योजना बनाई जाए। बिहार के सभी अधूरे और जर्जर सिंचाई परियोजनाओं का जीर्णोद्धार तथा आधुनिकीकरण किया जाए।बिहार में भू-सर्वे के नाम पर मची लूट व धाँधली पर रोक लगाया जाए। जमीन के ऑनलाइन परिमार्जन में गड़बड़ी पर सख्ती से रोक लगाया जाए।भमि अधिग्रहण कानून 2013 की अवहेलना करते हुए विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी योजनाओं के नाम पर किसानों से जबरन कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाया जाए।बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों के घर-मकान उजाड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाया जाए। सरकारी घोषणा के अनुसार सभी भूमिहीन को 5 डिसमील जमीन वास एवं आवास के लिए मुहैया कराया जाए। जन वितरण प्रणाली को सुदृढ करते हुए खाद्य सुरक्षा की गारंटी की जाए।मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ते हुए, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम और ₹600 मजदूरी की गारंटी की जाए। मनरेगा के बजट आवंटन में कटौती को वापस लिया जाए। आवारा एवं जंगली पशु से फसलों की सुरक्षा की गारंटी की जाए। चारागाह की जमीन को भू-माफ़िया से मुक्त करा प्रत्येक पंचायत में चारागाह की व्यवस्था की जाए।बँटाईदार किसानों को सभी तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाए।बैठक की अध्यक्षता 2 सदस्य श्री रामचंद्र आजाद अनिल कुमार सिंह अध्यक्ष मंडल ने की तथा संचालन श्री जवाहर निराला अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति, बिहार ने किया मुख्य रूप से भाग लेने वालों में सर्वश्री जवाहर निराला, अनिल कुमार सिंह, अरुण सिन्हा, ललन सिंह, तपेश्वर सिंह यादव, मंगेश अग्रवाल ,रामचंद्र आजाद,जय राम सिंह रामयतम यादव ,दिवाकर कुमार जनक देव सिंह , सीलम झा रामजी प्रसाद, श्याम किशोर शर्मा गुलशन कुमार मीरा यादव,उदयन राय, राजकुमार भारत इत्यादि।



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