कटिहार/ शंभु कुमार
बिहार के कटिहार में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलती नजर आ रही है। कटिहार जिले के सदर अस्पताल में बिना सेफ्टी किट के एचआईवी पॉजिटिव प्रसूता महिला की डिलीवरी कराने को स्वास्थ्य कर्मी मजबूर है।जबकि एचआईवी पॉजिटिव प्रसूता महिला का डिलीवरी कराने के लिए काफी सावधानी बरती जाती है।और जो स्वास्थ्य कर्मी प्रसूता मरीज की डिलीवरी कराता है उन्हें सेफ्टी किट पहनना लाजमी होता है।लेकिन कटिहार सदर अस्पताल में सेफ्टी किट मौजूद नहीं है। महिला स्वास्थ्य कर्मी को कोरोना जांच वाला पीपीई किट को पहनकर डिलीवरी कराने के लिए मजबूर है।
आपको बताते चलें कि सदर अस्पताल में एक प्रसूता महिला को डिलीवरी के लिए लाया गया था जिसका अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा जांच किया गया तो पता चला कि महिला एचआईवी पॉजिटिव है।एचआईवी निकलने के बाद महिला को दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया।क्योंकि सदर अस्पताल में एचआईवी पॉजिटिव प्रसूता महिला का डिलीवरी कराने को लेकर सेफ्टी किट नहीं मौजूद था। वही प्रस्तुता महिला को रेफर कर दूसरे अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही एंबुलेंस में महिला की डिलीवरी हो गई। जिस एंबुलेंस वाले के द्वारा वापस सदर अस्पताल लाया गया। जहां प्रसव वार्ड में तैनात जीएनएम अंजली कुमारी के द्वारा जान जोखिम में डालकर कोरोना जांच वाला पीपीई कीट पहनकर डिलीवरी कराने गई।वही नर्स ने बताया कि थोड़ी सी भी सावधानी हटने पर वह भी एचआईवी से ग्रसित हो सकते हैं.. ऐसे मरीजों के डिलीवरी के लिए खास तरह का सुरक्षा कीट उन्हें दिया जाता है।लेकिन हाल के दिनों से यह कीट सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में नहीं है.।जिसकी शिकायत भी की गई है.. लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।