कोढ़ा/शंभु कुमार
जीविका के माध्यम से समूह गठन कर कोढा की आदिवासी समुदाय की महिलाएं सामाजिक ,आर्थिक , शैक्षणिक, राजनीतिक तौर पर आज कोढ़ा की आदिवासी महिला मजबूत हो रही है। यह साक्षरता और जीविका के कारण ही हुआ है। सीएम नीतीश कुमार के ये दोनों कार्यक्रम महिलाओं के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित हुआ है। यह उस पंचायत से जुड़ी सशक्त महिला की कहानी है। जहां एक मिसाल कायम कर आदिवासी समुदाय की महिला प्रमुख मोनिका देवी भी वर्तमान में काबिज हैं।कोढ़ा की एक ऐसी विधवा आदिवासी महिला जिसकी कहानी सुन जहन में दर्द भरी सवाल अवश्य ही आ जाएगी। किस तरह उन्होंने जीविका महिला समूह संगठन से जुड़ कर तीन बेटियों की शादी कर आज भी बकरी पालन का व्यवसाय कर अपना जीवकोपार्जन चलाकर साथ ही साथ सशक्त बन रही है।
*जीविका किस तरह आत्मनिर्भर कर हौसले को बढ़ाई -मोसोमात तलामोय आदिवासी महिला*
मोसोमात तलामोय देवी ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पत्रकारों को एक दर्द भरी दास्तां बयां की जो की जिविका परियोजना महिला सशक्तिकरण जा कर समाप्त हुईं। रामपुर पंचायत वार्ड नंबर 7 हरिभीड चपरैला निवासी तलामोय देवी ने बताई की विगत दस वर्ष पुर्व हमारे पति का देहांत लंम्बी बिमारी के कारण हो गया। हम सपरिवार मजदूरी कर अपना भरण-पोषण कर रही थी। इसी बीच हमारी पति गंगा हांसदा का निधन हो जाता है ।मेरे पति मेरे पीछे तीन बेटियां प्रथम बेटी मीना, दूसरी बेटी सुशीला, तीसरी बेटी रीना, को छोड़ जाती है। जिसका की शादी विवाह के साथ भरण पोषण का जिम्मा हमें भी उठाना परा था। कुछ दिनों तक मजदूरी कर भरण पोषण का भरपूर प्रयास किया लेकिन सबसे मुसीबत आन पड़ी थी की तीन बेटियों का विवाह करना इसी बीच माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका के द्वारा सशक्त महिला संगठन समूह बनाने हेतु हमारे गांव में जीविका महिलाओं दीदी का टीम का गठन किया गया। जिसमें जुड़कर हमें तीन बेटियों की शादी में मदद के साथ साथ आज हमें बकरी पालन हेतु जीविका बिहार सरकार के अंतर्गत कोढा जीविका परियोजना के द्वारा आर्थिक मदद कर आगे बढाया गया है ।आज हमारी आर्थिक स्थिति के साथ-साथ सभी तीनों बेटियों की शादी बड़ी ही धूमधाम से कर ली है। तीनों खुशी पूर्वक अपने ससुराल में जीवन आपन कर रही है। उन्होंने बताया कि जीविका महिलाओं को सशक्तिकरण और आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए बिहार सरकार द्वारा किए गए एक अच्छी पहल है। वहीं इसी गांव की सुमन मुरमू भाई कान्तो मुर्मू मुरमुर ने भी बताया की 8 माह पूर्व जीविका समूह की महिला संगठन में जुड़ कर बकरी पालन के साथ-साथ दुकान खोल कर अपना व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर हम लोग सशक्त महिला संगठन के रूप में आगे बढ़ रही हूं। जिसके लिए माननीय नीतीश कुमार को जीविका जैसी योजना को धरातल पर चलाने हेतु हम सभी आदिवासी समुदाय की महिलाएं दिल से आभार व्यक्त करती हूं।