बैसा/इमरान आलम
पूर्णियाँ: रौटा थाना परिसर में शुक्रवार को रौटा पुलिस द्वारा अंबेडकर जयंती मनाई गई। इस दौरान रौटा थाना अध्यक्ष जितेन्द्र राणा ने बताया कि भीमराव रामजी अंबेडकर, बाबा साहेब अंबेडकर नाम से लोकप्रिय थे। बाबा साहेब के नाम से मशहूर डॉ. भीमराव अंबेडकर ने समाज में शिक्षा के क्षेत्र में काफी कार्य किए हैं। बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। डॉ. अंबेडकर को हमेशा ही उनके अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के लिए जाना जाता रहा है। थाना अध्यक्ष ने बताया कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर एक महान विचारक, समाज सुधारक, शिक्षक, आर्थिक विचारवादी और भारतीय संविधान के निर्माता थे
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अथवा विभिन्न समाज वर्गों के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सबसे अधिक प्रयास किए थे। शिक्षा के क्षेत्र में, बाबा साहेब ने दलितों को शिक्षा प्रदान करने के लिए काम किया था। उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझाने और दलित छात्रों के लिए शैक्षिक सुविधाओं की मांग की थी। उनकी दिखाई देने वाली एक मशहूर बात है, “शिक्षा अगर हमें एक तरफ ले जा सकती है तो आर्य-ब्राह्मण को भी एक तरफ ले जाना चाहिए”। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज में समानता और आत्मगौरव को बढ़ावा दिया था। थाना अध्यक्ष ने बताया कि दलितों को समानता दिलाने के लिए
बाबा साहेब ने दलितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनकी समाजिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए आवाज बुलंद किया। बाबा साहेब हमारे बीच तो नहीं हैं लेकिन उनके विचार आज भी हम लोगों के साथ हैं। ऐसे विचार जो जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते हैं। इस दौरान मुख्य रूप से पु अनि विनोद कुमार सिंह, स अनि हिमांशु कुमार, दीपक कुमार, सन्नु प्रवीण, शुशील कुमार, श्रवण कुमार, दशरथ कुमार आदि मौजुद थे।