फलका /चाँद बहार
कटिहार : फलका प्रखंड क्षेत्र के सालेहपुर महेशपुर स्थित मदरसा बशारतुल उलुम समीप एक दिवसीय जलसा-ए- दस्तारबंदी का आयोजन किया गया। जलसा-ए- दस्तारबंदी की अध्यक्षता मौलाना जमील अहमद रहमानी कर रहे थे। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में इमारत-ए- शरिया फुलवारी शरीफ पटना के मौलाना मोहम्मद शोहराब कासमी शामिल थे। जलसे का आगाज कुरान पाक की तिलावत से की गई। जबकि मौलाना सोहराब अहमद कासमी ने जलसा में उपस्थित भीड़ सेेे मुखातिब होते कहा के मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम इस दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। अगर हम और आप कामयाबी चाहते हैं तो मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की सीरत को अपनाना ही होगा। वरना हम कामयाब नहीं हो सकते हैं
वहीं उन्होंने अपने बयान में कहा के इस्लाम धर्म एक ऐसा धर्म है जो अमन शांति पेश करता है। कोई भी धर्म बेकार नहीं है। हर धर्म में शांति और सुकून है। शांति और सुकून को बदनाम करने के लिए कुछ लोग होते हैं जिसके जरिए से धर्म बदनाम होता है। इस्लाम धर्म शांति का प्रतिक है,हमारे नबी अमन चैन का पैगाम हमेशा दिया। हमारा पाक कलाम भी वही पैगाम दे रहा। उन्होंने अपने बयान में कहा कि दहेज समाज के लिए एक कोढ़ जैसी बीमारी हो गयी है। इससे समाज को बचाने की जरूरत है। वहीं मौलाना जमील अहमद रहमानी ने कहा कि हिफ्जे कुरआन की दौलत दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। कुरान को पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों खुशनसीब हैं।जबकि दलीप मौलाना इजराइल अहमद कासमी ने कहा कि कुरआन इंसानियत का पैगाम देता है
इस्लाम पूरी दुनिया में मोहब्बत बांटने का तहजीब सिखाता है। वहीं मुफ्ती अहमद हसन, मौलाना फैयाज अहमद फैजी, मौलाना शमशेर अहमद, मौलाना अरशद, मौलाना इमरान आदि ने भी जलसे को संबोधित किए। अवसर पर चार हाफिज इसी वर्ष बने हैं इकराम बाबर, अली अब्दुल वाहिद, मोहम्मद अफ्फान, मोहम्मद शफीक केसर पर पगड़ी बांधकर व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। वहीं जलसा को सफल बनाने में मदरसा कमेटी के अब्दुल वहाब, हबीबुर्र रहमान, हाफिज नौशाद, सबी अहमद, ईरशाद आलम, शहाबुद्दीन हसन, जमीलउलरहमान,इरशद, इनसार आलम के अलावा गांव के युवाओं का अहम भूमिका रही।