पूर्णियाँ/सिटी हलचल न्यूज़
पूर्णियाँ का कुख्यात पवन सिंह की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा किए जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है। मगर पवन सिंह अचानक इतना कुख्यात अपराधी कैसे बन गया, इसके पीछे भी लंबी कहानी है।पवन सिंह आरपीएफ का निलंबित सिपाही है। गत 16 जून 2017 को पवन सिंह के पिता ज्ञानचंद सिंह की हत्या सपहा गांव में ही पीट -पीट कर कुछ लोगो द्वारा कर दी गई थी। हत्या का आरोप गाँव के ही शिक्षक नागेश्वर मंडल सहित 16 लोगो पर लगा था
जिस वक्त हत्या हुई उस वक्त पवन सिंह आरपीएफ के सिपाही के पद पर भागलपुर में सेवा दे रहा था। हत्या की घटना के बाद पवन ने कानून रास्ता अख्तियार कर सभी दोषियों को सजा दिलाने के लिए दिन रात एक कर दिया था। लेकिन उसमें ज्यादा कामयाबी नही मिली। पवन के पिता के हत्या का नामजद आरोपी शिक्षक नागेश्वर मंडल कानूनी दाव पेंच के खेल में केश से बरी हो गया। यह बात पवन को नागवार गुजरा। बरी होने के बाद नागेश्वर मंडल जैसे ही 3 मार्च 2019 को गाँव लौटा और पूजा कर रहा था
तो पवन सिंह के भाई पहाड़ी सिंह ने नागेश्वर मंडल को गोलियों से भून डाला था। हालांकि मृतक की पत्नी सीता देवी का कहना था कि पवन सिंह ने भी गोली चलाई है। इस मामले को लेकर पवन सिंह एवं उसके भाई सहित 20 लोगो पर हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। इस घटना के बाद से ही पवन सिंह की तूती इस इलाके में बोलने लगी और उसके बाद एक के बाद एक घटना को अंजाम देता रहा।