पूर्णिया/विकास कुमार झा
तीन जिले पूर्णिया ,कटिहार और भागलपुर के आतंक के पर्याय बने पवन सिंह को पटना से आई एसटीएफ की टीम ने नाटकीय अंदाज में शनिवार की सुबह लगभग छह बजे सपहा गाँव में उसी के घर से धर दबोचा। पवन सिंह के साथ उसके एक और सहयोगी कटिहार जिले के सेमापुर निवासी धीरज यादव भी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा है। मौके पर घर की तलाशी के क्रम में एसटीएफ को पवन के घर से हथियार का जखीरा भी मिला है। पवन पर सरकार ने पच्चीस हजार का ईनाम भी घोषित कर रखा था। कुख्यात पवन सिंह पर जब पुलिस यह कार्यवाई कर रही थी, तो गाँव के बाहर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रमेश कुमार के नेतृत्व में गाँव सहित दियारा की घेराबंदी कर रखी थी
बताया जाता है कि एसटीएफ की टीम शुक्रवार रात को ही पहुँचकर अलग -अलग टीम बना कर आसपास के जिले के सभी सीमाओं को सील कर दियरा में पूरी रात पवन और उसके गिरोह में ढूंढने में लगी रही। सुबह छह बजे करीब पवन जैसे ही घर मे फ्रेश होने के लिए आया ,एसटीएफ की जो टीम पवन के घर की गतिविधि पर नजर गड़ाए बैठी थी, चारो तरफ से अचानक पवन के घर पर धावा बोल दिया। बताया जाता है कि जब पवन फ्रेश होकर पूजा कर रहा था, तभी एसटीएफ घर मे आ धमकी और सबसे पहले गेट की निगरानी कर रहे उसके सहयोगी धीरज यादव को बिना भनक को दबोच लिया। उसके बाद सहयोगी को लेकर एसटीएफ घर के अंदर घुसी तो पवन सिंह की मुखिया पत्नी चंचल कुमारी सामने आ गई। अपने सहयोगी को एसटीएफ के शिकंजे में देख सामने पत्नी को कोई नुकसान न पहुँचे, इसलिए बिना विरोध के पवन सिंह ने अपने आप को एसटीएफ के हवाले कर दिया
पवन सिंह की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने घर की तलाशी ली। जिसमें एक देशी कार्बाइन, एक देशी कट्टा, 30 पीस जिंदा कारतूस बरामद किया है। वहीं गिरफ्तारी के बाद पवन सिंह का भय खत्म करने के लिए एसटीएफ ने उसे 3 किलामीटर तक गाँव मे पैदल ही चलाया। जिसके बाद धमदाहा एसडीपीओ के नेतृत्व में गाँव से बाहर तैनात पुलिस टीम गाड़ी लेकर पहुँची ।उसके बाद सभी को लेकर सीधे रूपौली थाने पहुँची ।यहां भी कुछ देर रूकने के बाद सीधे धमदाहा, फिर पूर्णियाँ लेकर चली गई। बता दे कि पवन सिंह के ऊपर टिकापट्टी और कुरसेला थाना में कई मामले दर्ज है।