भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम बिहारी महानायक थे बाबू वीरकुँवर सिंह:उपेन्द्र

पूर्णिया/डिम्पल सिंह

बनमनखी:-शनिवार को अधिवक्ता संघ बनमनखी परिसर में वरिष्ठ अधिवक्ता उपेन्द्र प्रसाद साह की अध्यक्षता में परिचर्चा किया गया. बैठक में स्वतंत्रता संग्राम के महानायक बाबू वीरकुँवर सिंह को याद करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्री साह ने कहा कि  आज हीं के दिन बाबू वीरकुँवर सिंह ने 80 वर्ष के उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए विजय पाई थी. उन्होंने कहा कि यह घटना आगे


आने वाले समय मे स्वतंत्रता सेनानियों ने प्रेरणा लेकर स्वतंत्रता की आग को 1947 तक जीवित रखा. इस क्रम में अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति दी.1857 के क्रांति को विभिन्न इतिहासकारों द्वारा विभिन्न राय रखने के वावजूद वीर सावरकर के कथनों से सहमत होते हुए इसे भारत की स्वतंत्रता की पहली लड़ाई के रूप में भारतीयों में इसे माना है.आज इस परिचर्चा कार्यक्रम में हम बुद्धिजीवी, वकील,पत्रकार, समाजसेवी बाबू वीरकुवांर सिंह के स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान को नमन करते हैं

इस मौके पर अपने संबोधन में वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव कुमार ने कहा कि बाबू वीरकुँवर सिंह के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतवर्ष सदा याद रखेगा. इस अवसर पर समाजसेवी श्यामदेव ठाकुर, अधिवक्तागण में उपेन्द्र प्रसाद साह,संजीव कुमार, डॉ कृष्णा कुमारी, राजीव कुमार, राज कुमार, एसके सम्राट,निशा कुमारी,डब्लू कुमार यादव,पत्रकार बमशंकर झा, विजय साह,अधिवक्ता लिपिक कृष्णदेव शर्मा आदि स्थानीय बुद्धजीवीगण मौजूद थे.

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