गया से अशीष कुमार की रिपोर्ट
गया।मगध यूनिवर्सिटी के राधा कृष्णन हॉल, शिक्षा विभाग में शनिवार को पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार गया एवं मगध विश्वविद्यालय बोधगया विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वधान में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन बाल अधिकारों के संरक्षण के मौलिक सिद्धांत के विषय पर की गई.बैठक में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय केरोल उपस्थित हुए.उनके साथ अस्वनी कुमार, जीएडी-01, पटना हाई कोर्ट सह एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी, आशुतोष कुमार, जज पटना हाई कोर्ट सह मेंबर जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग समिति.इस जागरूकता शिविर में अतिथियों का स्वागत का दायित्व डॉ (प्रो•) राजेंद्र प्रसाद, वाइस चांसलर, मगध यूनिवर्सिटी, गया ने निभाई.दीप प्रज्वलित कर स्वागत गान के साथ जागरूकता शिविर शुभारंभ किया गया।
गया न्यायालय में प्रशिक्षु जजों ने मंचासीन अतिथियों को बुके, खाद एवं मोमेंटो से स्वागत किया.तत्पश्चात चर्चा की शुरुआत की गई.डॉ (प्रो) राजेंद्र प्रसाद वाइस चांसलर, मगध यूनिवर्सिटी, ने संबोधित करते हुए बच्चों से जुड़े बातों की जानकारी दीं.चीफ जस्टिस ने बाल अधिकारों के संबंधित विषद कानूनों की जानकारी दीं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय केरोल ने बाल अधिकारों के संबंधित विषद कानूनों की जानकारी दीं. तथा बताया हमारे लिए भारतीय संविधान की गीता, कुरान, एवं बाइबल है.और यही आदर्श भारत को आगामी दशको में विश्व पटल पर सर्वांगी क्षेत्रों में विकसित राज्य के रूप में स्थापित करेगा.उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि बच्चों के भविष्य के प्रति जागरूक रहें बच्चों के अधिकार संरक्षण हेतु कई प्रकार की कानूनी बने हैं एवं बन रहे हैं.उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि बिहार राज्य देवों की भूमि है एवं हमें यंहा काम करने सौभाग्य मिला।जहां-जहां भी रहे पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ सेवा, समर्पण भाव से काम कियें एवं करतें आ रहें हैं.उन्होंने सभी न्याय अधिकारियों निर्देश देते हुए कहा कि आप लोग की पोस्टिंग जहां भी हो निष्ठा एवं ईमानदारी पूर्ण कार्य करें.उन्होंने कहा कि हमारा पद बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसे लोग न्याय कहतें हैं.इस पद से आम लोगों की उम्मीद नहीं टूटनी चाहिए.उन्होंने कहा कि हमारे लिए ना हिंदू, ना मुस्लिम, ना सीख, ना ईसाई का धर्म है, बल्कि भारत का संविधान है.और उसे हर तत्परता के साथ बरकरार रखनी है यह हमारी जिम्मेदारी है।न्याय मूर्तियों ने भी किया संबोधित वही अस्वनी कुमार, जीएडी-01, पटना हाई कोर्ट सह एग्जीक्यूटिव चेयरमैन, बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी, ने संबोधित करते हुए उनके द्वारा बाल अधिकारों के सिद्धांत से 16 से 18 बिंदुओं पर संक्षिप्त जानकारी दी गई. उन्होंने बच्चों से जुड़ी हर मुख्य बातें से अवगत कराते हुए.कहा कि उनकी भूमिका समाज में अहम है.उन्होंने कहां की 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे द्वारा अपराध कर दिया जाता है तो उसकी सुनवाई किशोर नगर परिषद में की जाती है बच्चों को जेल नहीं भेजने का प्रावधान है उसे बाल सुधार गृह भेजा जाता है।आशुतोष कुमार, जज पटना हाई कोर्ट सह मेंबर जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग समिति, ने भी बच्चों से जुड़ी सभी अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए उपस्थित लोगों को संबोधित कर अवगत कराया.उन्होंने कहा कि हर बच्चा कुछ ना कुछ है एवं उसे प्रमोट करने की जरूरत है.हमारे प्रयास से बच्चे कल कुछ न कुछ अच्छा करेंगे. उन्होंने कुछ लोगों का उदाहरण देते हुए बताया कि यह भी नासमझ और नादानी में कुछ गलतियां किए थे परंतु आज इतने अहम पद पर हैं जिन्हें लोग आज भी मानते एवं जानते हैं।राजीव रंजन, मेंबर सेक्रेट्री बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी ने भी बच्चों से संबंधित सेक्शन एवं दायित्व को बताते हुए लोगों को संबोधित किया।कार्यक्रम के अंत में एडीजे सह सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी, गया के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।वंही अंत में सभा के अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अजित कुमार मिश्रा, एडीजे सह सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी, गया के द्वारा बाल अधिकारों के मूल्य सिद्धांत जिज्ञासा, निर्देशिका को समाहित कर किया गया।मंच का संचालन प्रशिक्षु जज अनूप कुमार मिश्रा, स्वती सिंह ने किया.उक्त मौके पर जितेंद्र कुमार डिस्ट्रिक्ट जज सह चेयरमैन डिस्टिक लीगल सर्विस अथॉरिटी गया, धृति जसलीन शर्मा, ज्वाइंट सेक्रेट्री, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना,सुभाष चंद्र शर्मा एडिशनल रजिस्ट्रार जूविनाइल जस्टिस सेक्रेटेरिएट, पटना हाई कोर्ट, गया जिला के सभी न्याय अधिकारी उपस्थित थें.मगध यूनिवर्सिटी के बीएड के प्रोफेसर, स्टूडेंट एवं लॉ कॉलेज के प्रोफेसर स्टूडेंट की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही.एवं सिविल कोर्ट, लोक अदालत के कर्मी, पैनल लॉयर, पीएलभी सभी उपस्थित थे।